Uttar Pradesh

बाराबंकी में बताशा कारीगरों का हुआ मोहभंग, लागत निकलना हुआ मुश्किल, जानें कारण



संजय यादव/बाराबंकी : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में बताशों का कारोबार पिछले कई दशकों से धूमधाम से चला चला रहा था. लेकिन इधर एक दो सालों के बाद से बताशों के कारोबार में मानो लगाम सी लग गई है. अब बताशों के कारीगरो का लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है. जिसके चलते बताशों के कारीगर अब परिवार का भरण पोषण करने के लिए दूसरे काम के लिए विकल्प खोजने में जुड़ गए हैं. कारीगरों का कहना है कि सरकार के द्वारा भी उन्हें किसी प्रकार की कोई सहूलियत उपलब्ध नहीं कराई जा रही है.आपको बता दें बाराबंकी शहर के बंकी वार्ड में दर्जनों लोग बताशों का कारोबार करते थे और पिछले कई दशकों से इन बताशों के व्यापारियों को हजारों रुपए का प्रतिदिन मुनाफा होता था. लेकिन जैसे-जैसे समय बिता वैसे-वैसे अब बताशों के कारोबार पर लगाम सी लग गई है . बताशों के कारीगरों का कहना है कि शादी व त्योहार पर ही थोड़ी बहुत बिक्री जो जाती है. वरना इसकी न के बराबर बिक्री बची हुई है. जिससे लागत भी निकल पाना मुश्किल हो रहा है. हर चीज महंगी हो गई है. चाहे कोयला हो, चीनी हो सबके दाम आसमान छू रहे हैं. लेकिन बताशों की कीमतों में इजाफा आज तक नहीं हो पाया है.35 सालों बाद बदल गए हालातकारीगर विजय कश्यप ने बताया कि बताशे बनाने का काम हम लोग करीब 35 सालों से कर रहे है. पर अब बताशों की डिमांड कम हो गई है. जिससे लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है. जिसके चलते यहां के कई लोगों ने इस काम को छोड़कर दूसरा काम करना शुरू कर दिया है. पहले यहां करीब 8 से 10 लोग बताशे बनाने का काम करते थे और अच्छा मुनाफा भी हो रहा था. धीरे-धीरे ग्राहकों की कमी होने लगी और मार्जिन भी कम हो गई. ऐसे में यहां के कारीगरों का इस काम से मोह भंग होता जा रहा है. यही वजह है लोग इस काम को करना नहीं चाह रहे हैं..FIRST PUBLISHED : October 24, 2023, 16:41 IST



Source link

You Missed

Scroll to Top