Last Updated:August 01, 2025, 10:46 ISTUP News: बाराबंकी के किसान मनमोहन सिंह ने मचान विधि से लौकी की खेती करके लाखों रुपये का मुनाफा कमाया है. इस विधि से कम लागत में अधिक उत्पादन संभव है, खासकर बरसात के मौसम में जब फसल खराब होने का खतरा रहता है. मच…और पढ़ेंबाराबंकी: आज के समय में खेती केवल परंपरागत तरीकों तक सीमित नहीं रह गई है. आधुनिक तकनीकों और नवाचारों का उपयोग करके किसान अब कम लागत में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं. ऐसी ही एक तकनीक है मचान विधि से लौकी की खेती, जो न सिर्फ सस्ती है बल्कि हर मौसम में अच्छी पैदावार भी देती है.
मचान विधि के फायदेमचान विधि का सबसे बड़ा लाभ यह है कि फसल बरसात में गलती या सड़ती नहीं है, जिससे गुणवत्ता बनी रहती है. इसके अलावा लौकी का पौधा ऊपर फैलता है, जिससे जगह की बचत होती है और उत्पादन बढ़ता है. किसान सीजन और ऑफ-सीजन दोनों में इस विधि से अच्छी कमाई कर सकते हैं.
बाराबंकी के किसान की सफलता की कहानी
जनपद बाराबंकी के पाटमऊ गांव के रहने वाले किसान मनमोहन सिंह ने मचान विधि से लौकी की खेती कर लाखों की कमाई की मिसाल पेश की है. वह पिछले 8–9 वर्षों से सब्जियों की खेती कर रहे हैं और अब लौकी की मचान विधि से खेती कर सालाना एक से डेढ़ लाख रुपये प्रति फसल मुनाफा कमा रहे हैं.
खेती में लागत और मुनाफा
मनमोहन सिंह बताते हैं कि एक बीघा खेत में लौकी की मचान विधि से खेती करने में करीब 20 हजार रुपये की लागत आती है. इसमें बीज, डोरी, बांस, कीटनाशक दवाइयां, मजदूरी आदि शामिल हैं. इसके बाद 60 दिनों के भीतर फसल तैयार हो जाती है, जिससे उन्हें प्रति फसल करीब 1 से 1.5 लाख रुपये तक मुनाफा हो जाता है.
आसान विधि, बड़ी कमाईलौकी की मचान विधि से खेती करना बेहद आसान है. पहले खेत की जुताई और मेड बनाकर मल्चिंग की जाती है. फिर 3 से 4 फीट की दूरी पर बीज लगाए जाते हैं. पौधा बढ़ने पर खेत में बांस और तार से मचान तैयार किया जाता है, और पौधों को डोरी से बांधकर ऊपर चढ़ाया जाता है. इससे पौधा मचान पर फैल जाता है और फल नीचे गिरने से बच जाते हैं.Location :Bara Banki,Uttar PradeshFirst Published :August 01, 2025, 10:46 ISThomeuttar-pradeshबाराबंकी के किसान ने लौकी की मचान विधि से बदली किस्मत, कमा रहे लाखों

