Last Updated:August 07, 2025, 13:15 ISTवह बचपन से ही मिश्रित खेती करते आ रहे हैं. जिससे उन्हें होती हैं तगड़ी कमाई, वही किसान का यहां तक कहना है कि इस फसल से उन्हें आज तक नुकसान नहीं हुआ बल्कि सरकारी नौकरी करने वाले व्यक्ति से अधिक मुनाफा हो जाता है…और पढ़ेंफर्रुखाबाद: फर्रुखाबाद के किसान पहले के मुकाबले काफी जागरूक हो गए हैं. वही खेती में नए-नए प्रयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. अब किसान पारंपरिक खेती के अलावा नगदी फसलों पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं. जिसके कारण कमाई के रास्ते भी खुल गए हैं. यहां के किसान अब इस खेती के जरिए मोटी कमाई भी कर रहे हैं. खेतों में मिश्रित फसलें उगा रहे हैं, जिससे उनको अच्छी खासी कमाई हो रही है. वह भी कम लागत में. प्रति बीघा पांच हजार रुपए लागत आती है. मिश्रित खेती करने वाले किसान बताते हैं कि वह लगातार कई दशकों से यह फसल करते आ रहे हैं. इससे उन्हें कभी भी नुकसान नहीं बल्कि लाखों रुपए का फायदा ही हुआ है.
लोकल 18 को नगला ख़ेमरेगाई निवासी किसान शैलेन्द्र बताते हैं कि वह बचपन से ही मिश्रित खेती करते आ रहे हैं. जिससे उन्हें तगड़ा मुनाफा होता है. आमतौर पर प्रति बीघा चार से पांच हजार रुपए की लागत आती है. वहीं एक बार फसल तैयार होने के बाद पहले सब्जियों की बिक्री करते हैं. इसके बाद निकलने वाली अली फसल की अच्छी खासी बिक्री होती है.
हरी सब्जियों की है बाजार में तगड़ी डिमांड
किसान ने बताया कि 10 वर्षों से लगातार खेती करते आ रहे हैं. उनके पास खेती के लिए थोड़ी सी ही भूमि है. ऐसे समय पर वह उसी भूमि में मिश्रित खेती करती हैं. जिससे उन्हें पर एक बीघा में पचास से साठ हजार रूपए का मुनाफा हो जाता है. मूली की फसल को उगाने में लगभग दो हजार रुपए की लागत आती है. मगर, एक बार जब खेत से फसल निकलना शुरू होती हैं तो फिर मंडी में डिमांड बढ़ जाती हैं. ऐसे समय पर उनकी बैगन मंडी में हाथों हाथ ही बिक्री हो रही है.
मिश्रित खेती का तरीका
किसान बताते हैं कि वह अपने खेतों में सबसे पहले मूली के पौधों की रोपाई करते हैं. इसके बाद उसमें शलजम और चुकंदर के बीजों को बो देते हैं. इसके बाद की क्यारियों के ऊपर धनिया की बुवाई करते हैं. समय अवधि के बाद जब मूली की फसल तैयार होती है तो नीचे से अन्य फसले भी तैयार होने लगती है. ऐसे समय पर एक समय पर ही पांच फसल से यह हजारों रुपए की कमाई करते हैं.
क्या है खेती का तरीका?किसान ने बताया कि वह सबसे पहले खेत को अच्छे से समतल करके इसमें क्यारियां बनाकर पहले से तैयार की गई मूली के पौधों को प्रति एक मीटर पर दो पौधों को रोप देते हैं. समय से इसमें सिंचाई करते हैं. इसके बाद जब पौधे बड़े होने लगते हैं तो इनको मूली निकलने लगती हैं. जिसे मंडी में बिक्री कर देते हैं. इसके बाद जब पौधों से पूरी फसल निकल जाती हैं. तो इसके पौधे को खेत में ही हरी खाद के रूप के प्रयोग कर लेती हैं.Location :Farrukhabad,Uttar PradeshFirst Published :August 07, 2025, 13:15 ISThomeagricultureबंजर भूमि पर बस कर दीजिए इन सस्ते बीजों की बुआई, हो जाएगी तगड़ी कमाई