Banda News: अब बांदा के कालिंजर किले में आने वाले पर्यटकों को मिलेगी रुकने की सुविधा, जानें क्या हैं पूरा प्लान

admin

क्‍यों गिर रहे टेस्‍ला को मात देने वाली कंपनी बीवाईडी के शेयर, जानें वजह

बांदा: उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक कालिंजर किला अब सिर्फ इतिहास का हिस्सा नहीं, बल्कि एक उभरता हुआ पर्यटन केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है. बांदा जिले के नरैनी तहसील में स्थित यह किला अपने धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण हमेशा से लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा है, लेकिन अब यहां आने वाले पर्यटकों को रुकने और घूमने की बेहतर सुविधाएं भी मिलने जा रही हैं.

पहाड़ी पर बसा चमत्कारी किला, भगवान शिव से है नाताविंध्य पर्वतमाला की ऊंचाई पर लगभग चार वर्ग किलोमीटर में फैला यह किला अपनी भव्यता और मजबूती के लिए जाना जाता है. नीलकंठ महादेव मंदिर इस किले की सबसे बड़ी पहचान है, जहां भगवान शिव को निवास करते हुए माना जाता है. यहां हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.

इसके अलावा किले में कई दर्शनीय स्थल हैं जैसे पातालगंगा, अमान सिंह महल, कोटितीर्थ, मंडूक भैरव, और स्वर्गारोहण कुण्ड, जो इसकी ऐतिहासिकता को और भी मजबूत करते हैं. यह किला चंदेल और बुंदेल वंश की विरासत समेटे हुए है और इसे रानी दुर्गावती की जन्मस्थली के रूप में भी जाना जाता है.

अब पर्यटकों को मिलेगा ठहरने का इंतजामअब तक पर्यटकों को कालिंजर में रुकने की सुविधा नहीं थी, लेकिन अब यह समस्या खत्म होने वाली है. चित्रकूट धाम मंडल के पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि पर्यटन विभाग यहां टूरिज्म फैसिलिटी सेंटर, कैफेटेरिया, रिसॉर्ट, और आवासीय सुविधाएं विकसित कर रहा है. इससे न सिर्फ पर्यटकों को यहां ज्यादा समय बिताने का मौका मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे.

रानी दुर्गावती की प्रतिमा बनी नया आकर्षणहाल ही में कालिंजर किले के अंदर रानी दुर्गावती की एक भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है, जो पर्यटकों के लिए नया आकर्षण बन चुकी है. इसके साथ ही किले के आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. पास ही में गुलमोहर नेचुरल रिसॉर्ट भी खोला गया है, जहां पर्यटक बुंदेलखंड की संस्कृति और विरासत से जुड़ी चीजें भी देख सकते हैं.

कालिंजर कैसे पहुंचे?कालिंजर किला, बांदा से 55 किमी, चित्रकूट से 78 किमी, खजुराहो से 105 किमी और प्रयागराज से करीब 205 किमी दूर है. यहां तक आप बस, ट्रेन या निजी वाहन के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं. नजदीकी रेलवे स्टेशन बांदा है और सबसे नजदीकी हवाई अड्डा खजुराहो एयरपोर्ट है.

Source link