Last Updated:August 04, 2025, 23:10 ISTChitrakoot News: बांदा-कानपुर स्टेट हाईवे पर बाढ़ का पानी चलने से यातायात पूरी तरह बंद कर दिया गया है. वही पैलानी क्षेत्र के नांदा देव, पडोहरा, गौरीकला, सिंधन कला और सबादा जैसे गांवों में हालात गंभीर हैं. अपने …और पढ़ेंबुंदेलखंड के बांदा जिले में बाढ़ का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसमें चित्रकूट धाम मंडल के सभी चारों जनपद बाढ़ की त्रासदी से जूझ रहे हैं, लेकिन बांदा की स्थिति सबसे भयावह बनी हुई है, यहां केन और यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.जिससे पैलानी और बबेरू तहसील के दर्जनों गांवों में पानी घुस चुका है, हालत यह है कि कई गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं. ग्रामीण अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं,और ऊंची पहाड़ियों में पन्नी तान के रह रहे है.
इन गांवों में है बाढ़ का कहरबता दे कि बांदा-कानपुर स्टेट हाईवे पर बाढ़ का पानी चलने से यातायात पूरी तरह बंद कर दिया गया है. वही पैलानी क्षेत्र के नांदा देव, पडोहरा, गौरीकला, सिंधन कला और सबादा जैसे गांवों में हालात गंभीर हैं. अपने मवेशियों और जरूरी सामान के साथ सड़क किनारे पॉलिथीन तानकर अस्थायी तंबू में शरण ले रहे हैं. इसके साथ ही चिल्ला क्षेत्र के गांव भी पानी से पूरी तरह घिर चुके हैं. जहां प्रशासन की मदद नाम मात्र की नजर आ रही है,स्थानीय प्रशासन भले ही राहत और बचाव कार्यों के दावे कर रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है. बाढ़पीड़ितों को न तो पर्याप्त राशन मिल पा रहा है और न ही पीने के पानी की व्यवस्था है. ग्रामीणों को खुले आसमान के नीचे रहना पड़ रहा है और बाढ़ के साथ अब बीमारियों का खतरा भी मंडराने लगा है.
खतरे के निशान से ऊपर यमुना
मध्य प्रदेश की ओर से आने वाली केन नदी का जलस्तर पिछले 48 घंटों से खतरे के निशान के आसपास बना हुआ है. वहीं यमुना नदी तो खतरे के निशान से करीब 3 मीटर ऊपर बह रही है, जिसने बांदा के साथ ही फतेहपुर सीमा तक तबाही मचानी शुरू कर दी है. ऐसे में लोगों को अब प्रशासन से नहीं, बल्कि खुद के इंतजाम से ही अपनी सुरक्षा करनी पड़ रही है.
पीड़ितों ने कही ये बातवही बाढ़ से पीड़ित बांदा के बजरंगी डेरा,चिल्ला गांव के रहने वाले राजू निषाद,मूल चंद्र ने बताया कि बाढ़ का पानी अब हमारे घरों तक आने लगा है,तब हम लोगों ने अपने से ही घरों का सामान खाली कर के ऊंचे स्थान में पन्नी डालकर रहने लगे है. प्रशासन के द्वारा अभी तक तो कुछ व्यवस्थाएं नहीं की गई थी लेकिन मंत्री के आने के बाद बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए खाने की व्यवस्था की जा रही है. डॉक्टरों की टीम हम लोग के पास आकर हमारा चेकअप कर दवाइयां भी वितरण कर रही है. बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि अपने साथ साथ हम लोगों ने अपने जानवर को भी साथ ले आए है.Location :Chitrakoot,Uttar PradeshFirst Published :August 04, 2025, 23:10 ISThomeuttar-pradeshबांदा में बाढ़ का कहर, बाढ़ग्रस्त इलाकों से लोगों का पलायन, ऊंची जगहों पर पन्नी तान रह रहे लोग