Uttar Pradesh

बहराइच न्यूज: बहराइच में एक साल बाद फिर लौटा आदमखोर भेड़िया, पांच दिन में दो मासूमों को बनाया निवाला, पकड़ने के लिए भोपाल-बंगाल से आई टीमें

बहराइच में एक साल बाद फिर से आदमखोर भेड़िए की वापसी से दहशत फैल गई है। पिछले पांच दिनों में दो मासूम बच्चों को भेड़िया घर से उठा ले गया और उनकी क्षत-विक्षत शव अगले दिन गांव के बाहर गन्ने के खेत के पास मिलीं। इसके बाद से भेड़िया लगातार हमले कर रहा है। एक बुजुर्ग महिला पर भी दिन में हमला हुआ जब वह नल से पानी लेने गई थी। अचानक हुए हमले से महिला चिल्लाने लगी, जिससे उनके घर वाले और पड़ोसी दौड़ पड़े और महिला की जान बच गई, लेकिन उनकी हालत बेहद नाजुक है।

जंगली जानवर के हमले में महिला के चेहरे, सीने और पीठ पर गहरे जख्म हो गए हैं। घायल बुजुर्ग महिला को पहले सीएचसी फखरपुर में भर्ती कराया गया, जहां हालत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

इस घटना से पूरे इलाके में दहशत फैल गई है और ग्रामीण रात भर जागने को मजबूर हो गए हैं। कोई हाथों में लाठियां लिए जागते रहो की आवाज लगा रहा है तो कोई लोहे की रॉड लेकर अपने परिवार की हिफाजत के लिए तैयार नजर आ रहा है। फॉरेस्ट विभाग की कई टीमें उन गांवों में गश्त कर रही हैं जहां भेड़िए या तेंदुए के हमले की जानकारी मिली है।

वन विभाग हुआ अलर्ट

पिछले चार दिनों में कई हमले करने वाले आदमखोर की तलाश के लिए अब बहराइच का वन विभाग अलर्ट हो गया है। कई जगहों पर पिंजड़े लगाए गए हैं और ड्रोन कैमरों से भी आदमखोर जानवर की तलाश की जा रही है। आधा दर्जन ट्रैप कैमरे संवेदनशील स्थलों पर लगाए गए हैं। एक दर्जन के करीब टीमें गांव के बाहर उन जगहों पर आदमखोर की तलाश कर रही हैं जहां जानवर के पैरों के निशान मिले हैं।

जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए वाहनों से अनाउंसमेंट शुरू कर दिया है। बुजुर्ग महिला को किया घायल

रविवार रात फिर से दो लोगों पर भेड़िए ने हमला कर उन्हें घायल कर दिया। गनीमत रही कि इस हमले में दोनों की जान बच गई, लेकिन एक बकरी को भेड़िया उठा ले गया। लगातार हो रहे हमलों से कई गांवों में दहशत फैली हुई है और ग्रामीण अब लाठी-डंडे लेकर घर से बाहर निकल आए हैं और खुद अपने बच्चों और परिवार वालों की रखवाली कर रहे हैं।

भोपाल-बंगाल से पहुंची टीमें

बहराइच के डीएफओ राम सिंह यादव ने बताया कि जो भी जानवर हमले कर रहा है उसे पकड़ने के लिए रात को भी गश्त बढ़ा दी गई है। भोपाल और बंगाल से दो विशेषज्ञ टीमों को थर्मल ड्रोन के साथ बुलाया गया है, जो वन्य जीव सक्रियता वाले क्षेत्र में पहुंचकर हिंसक वन्य जीव को खोजने का काम कर रही हैं। इसके अतिरिक्त एक अन्य ड्रोन कैमरे से भी जंगली जानवर की तलाश की जा रही है।

डरे हुए ग्रामीण हाथों में लाठी-डंडे लेकर दे रहे पहरा

एक साल बाद करीब 15 दिन पहले महसी इलाके में पहली घटना हुई थी, जिसमें दो महिलाओं और एक बुजुर्ग पर भेड़िए ने हमला कर घायल किया था। उसके बाद से लगातार अलग-अलग गांवों में भेड़िया हमले कर रहा है। न्यूज़ 18 इंडिया के पास भेड़िए की दो तस्वीरें हैं जो इलाके में देखा गया है। वहीं एक सीसीटीवी कैमरे में जानवर को दौड़ते हुए भी देखा गया है। इसके बावजूद वन विभाग के हाथ अभी भी खाली हैं।

वन विभाग नहीं मान रहा भेड़ियों का हमला

जिस तरह से चंद किलोमीटर की दूरी पर लगातार भेड़िया हमले कर रहा है, उन हमलों को वन विभाग ने जंगली जानवर बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया है। वन विभाग मानने को तैयार नहीं है कि ग्रामीणों पर हो रहे हमले भेड़िए के हैं। अब सवाल यह है कि हमला करने वाला जानवर कोई भी हो, उसे पकड़ने की जिम्मेदारी तो वन विभाग की ही है। इंसानों और जानवरों पर हमला कर रहे जानवर को पकड़ना भी वन विभाग का काम है। फिलहाल 15 दिन बीत जाने के बाद भी वन विभाग किसी भी जंगली जानवर को पकड़ने में नाकाम रहा है और यही वजह है कि ग्रामीणों में खौफ का माहौल बनता जा रहा है।

बीजेपी विधायक पहुंचे गांव

इस घटना की जानकारी मिलते ही महसी के विधायक सुरेश्वर सिंह भी गांव में पहुंचे, जहां से तीन माह की मासूम संध्या को भेड़िया उठा ले गया था। उन्होंने उसके घर वालों से बात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि जल्द ही उस जानवर को पकड़ा जाएगा जो बच्चों को उठा ले जाता है। इसके बाद विधायक उस जगह पहुंचे जहां बच्ची की लाश मिली थी।

ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील

वन विभाग की तरफ से हिंसक वन्य जीवों से बचाव हेतु लगातार जागरूक करते हुए ग्रामवासियों को रात में अपने घरों के अंदर दरवाजा बंद करके स्वयं और बच्चों को सुरक्षित सुलाने का आग्रह किया जा रहा है। गश्ती टीमों द्वारा वन्य जीव के हमलों से प्रभावित ग्राम के बाहरी क्षेत्रों में पटाखे दगाकर वन्य जीव को रोकने की कार्यवाही की जा रही है।

You Missed

comscore_image
Uttar PradeshSep 15, 2025

मिर्जापुर के टॉप 5 सरकारी स्कूल, यहां एडमिशन पाना नहीं रहता आसान; बेहतरीन पढ़ाई के साथ फीस भी काफी कम

मिर्जापुर के टॉप 5 सरकारी स्कूल, जहां एडमिशन पाना नहीं रहता आसान मिर्जापुर जिले के सरकारी स्कूलों में…

Need palliative care policy as illness, caregiving burden families: Study
Top StoriesSep 15, 2025

बीमारी और देखभाल की जिम्मेदारी के बोझ से परिवारों को निपटने के लिए पालीवेटिव केयर नीति की आवश्यकता: अध्ययन

एक शोध में दिल्ली में 43,000 लोगों का सर्वे किया गया, जिससे यह भारत और एशिया में सबसे…

Scroll to Top