Uttar Pradesh

बहराइच भेड़िया न्यूज़ लाइव: तो ‘लंगड़े भेड़िये’ ने बना लिया है नया गैंग? बहराइच में इस साल अब तक 6 की जा चुकी है जान, वन विभाग अभी तक खली हाथ।

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही हमलों की घटनाओं में अब तक 6 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 19 अन्य घायल हो चुके हैं. ज्यादातर हमले बच्चों और महिलाओं पर हुए हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल है. अब चर्चा यह है कि पिछले साल जिस भेड़ियों के झुण्ड ने आतंक मचाया था, उसमे से 5 तो पकडे गए थे, लेकिन लंगड़ा भेड़िया पकड़ा नहीं गया था. कहा जा रहा है कि शायद अब उस भेड़िए ने नया गैंग बना लिया है और हमला कर रहा है.

मिली जानकारी के मुताबिक, सितंबर महीने में ही 4 बच्चों की मौत हो चुकी है और 16 लोग जख्मी हुए हैं. हाल ही में कैसरगंज तहसील के एक गांव में एक बुजुर्ग दंपति को सोते समय हमले का शिकार बनाया गया, जिसमें दोनों की मौत हो गई. एक अन्य घटना में 4 साल के एक बच्चे को दिन के उजाले में भेड़िये ने घर के बाहर से खींच लिया था. हमले अब रात के साथ-साथ दिन के समय भी हो रहे हैं, जो पिछले साल की तुलना में एक नया बदलाव है.

इस संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने वन विभाग और पुलिस प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि भेड़ियों को पकड़ने के हर संभव प्रयास किए जाएं. अगर पकड़ में न आएं, तो देखते ही गोली मार दी जाए. सीएम ने पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया.

16 से अधिक टीमें लगाई गई वन विभाग ने ‘ऑपरेशन भेड़िया’ के तहत 16 से अधिक टीमें गठित की हैं, जो थर्मल कैमरों, ड्रोन और कुत्तों की मदद से भेड़ियों का पीछा कर रही हैं. जिला वन अधिकारी राम सिंह यादव के अनुसार, प्रभावित इलाकों में 100 से ज्यादा कर्मी तैनात हैं. ट्रैप, नेट और इंफ्रारेड कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि, भेड़ियों की चालाकी के कारण अभी तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है.

35 गांव के लोग दहश्त में बहराइच के महसी और कैसरगंज तहसीलों में करीब 35 गांव इस खतरे से जूझ रहे हैं. ग्रामीण रात में घरों के बाहर पहरा दे रहे हैं और बच्चों को अकेला नहीं छोड़ रहे. विशेषज्ञों का कहना है कि भेड़ियों का यह असामान्य व्यवहार बाढ़ प्रभावित इलाकों में शिकार की कमी के कारण हो सकता है. वन विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और हमले की स्थिति में शोर मचाने की सलाह दी है. यह घटनाक्रम 2024 में हुए हमलों की याद दिला रहा है, जब 6 भेड़ियों के झुंड ने 8 लोगों की जान ली थी. अब प्रशासन ने पुराने डीएफओ अजित प्रताप सिंह को भी बुलाया है, जिन्होंने पिछले साल 5 भेड़ियों को पकड़ने में सफलता हासिल की थी. उम्मीद है कि जल्द ही इस आतंक पर लगाम लग जाएगी.

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