आशीष त्यागी/बागपत : बागपत का नीलकंठ महादेव मंदिर की विशेष मान्यता मानी जाती है. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग नर्मदा नदी से प्राप्त हुई थी. यहां सावन के महीने में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. इस मेले में दूर-दराज से लोग जाते हैं, यहां पर विशेष पूजा पाठ कर अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. ये मंदिर बागपत के दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर टियोढ़ी गांव के पास स्थित है.

नीलकंठ मंदिर में एक 52 फीट ऊंची भगवान शिव की मनमोहक प्रतिमा भी स्थापित है. भक्तों का सावन महीने में सबसे अधिक लगाव है. इस मास में मेले के चलते भक्तों की भारी भीड़ भी देखने को मिलती है.

इस वर्ष हुआ था मंदिर का निर्माण

सुभाष रुहेला ने 12 फरवरी 2010 को नीलकंठ मंदिर का निर्माण करवाया था. यह रुहेला समाज का मंदिर बताया जाता है. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग नर्मदा नदी से प्राप्त हुई थी. इस मंदिर में सावन के महीने में विशेष पूजा पाठ की जाती है. यहां की ये भी मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी मन्नत जरूर पूरी होती है.

मुख्य पुजारी रामरूप गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मंदिर में नर्मदा नदी से प्राप्त शिवलिंग को लेकर शिव भक्तों में विशेष मान्यता है. और जो भी शिव भक्त यहां आकर सच्चे मन से आराधना करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है.
.Tags: Baghpat news, Local18, Religion 18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 24, 2023, 21:54 IST



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