Last Updated:July 22, 2025, 14:39 ISTUP News: रहस्यमयी पेड़ को देखने के लिए आपको बहराइच मुख्यालय से बलरामपुर रोड पर लगभग 21 किलोमीटर गिलौला बाजार से बाहर इच्छा पुरवा महमदा मोड़ जाना पड़ेगा.बहराइच: बहराइच और श्रावस्ती जिले के बॉर्डर पर नवदुर्गा काली मां का प्राचीन काल मंदिर स्थापित है. यहां पर पीपल का पेड़ एक रहस्य बना हुआ है. इसका कारण है आम, अशोक, नीम, बेल, बरगढ़ का पेड़ खुद ब खुद एक ही तने से निकलना. इसको देखने लोग दूर-दराज से आते हैं. ऐसा माना जाता है यहां सच्चे मन से जो भी कामना की जाती है भगवान ब्रह्मदेव अवश्य पूरी करते हैं.
रहस्यमयी पेड़ का इतिहासवैसे तो यह पेड़ प्राचीन काल से इस स्थान पर लगे हुए हैं, लेकिन बदलते वक्त के साथ इस पीपल के पेड़ के साथ-साथ अशोक, आम, बरगद और नीम के पेड़ में भी स्वतः अपने आप पीपल के पेड़ के अंदर ही अपनी जगह बना ली है. जिसको देखने से प्रतीत होता है कि मानव पीपल के पेड़ से ही सारे पेड़ बाहर निकले हो.
पास में रहने वाले निर्पेन्द्र कुमार ने इस रहस्यमयी पेड़ के बारे में बताया कि पहले यहां पर बहुत बड़ा चबूतरा हुआ करता था. लोग मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद बैठकर यहां विश्राम किया करते थे. मगर, बदलते वक्त के साथ-साथ धीरे-धीरे पूरा चबूतरा पेड़ में तब्दील हो गया और चबूतरे को चारों तरफ से इन पेड़ों की जड़ों ने लपेट लिया. जो पेड़ अपने आप ही स्वतः निकले हुए हैं. पूर्वज बताते हैं इनको किसी ने कभी लगाया नहीं. यह भगवान की माया है.Location :Bahraich,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshबड़ा ही रहस्यमयी है यह वृक्ष! एक ही स्थान पर आपस में लिपटे हुए हैं कई पेड़