Uttar Pradesh

Azamgarh News: आजमगढ़ का कमलगट्टा पहुंच रहा चीन-थाईलैंड! किसान कमा रहे तगड़ा मुनाफा

Last Updated:November 15, 2025, 21:03 ISTKamal Gatta Production Azamgarh: आजमगढ़ के ताल सलोना और बड़ेला ताल में कमलगट्टे का उत्पादन किसानों और व्यापारियों के लिए रोजगार का बड़ा जरिया बन गया है. यहां उत्पादित कमलगट्टे की मांग सिर्फ जिले में ही नहीं बल्कि गोरखपुर, बनारस, कोलकाता और विदेशों में भी है.आजमगढ़: भारत में कमल का फूल हमेशा से धार्मिक महत्व रखता है और इसी फूल के अंदर पाया जाने वाला कमलगट्टा हिंदू धर्म में अत्यंत उपयोगी माना जाता है. आजमगढ़ जिले के सगड़ी तहसील क्षेत्र में स्थित ताल सलोना और सदर तहसील के बड़ेला ताल के आसपास इस कमलगट्टे का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है. यह ताल न केवल मछली पालन और कमल के फूलों के लिए प्रसिद्ध हैं बल्कि सबसे ज्यादा कमलगट्टे के उत्पादन के लिए जाने जाते हैं. ताल सलोना, जो कि 20,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है, जिले का सबसे बड़ा ताल है और यहां उत्पादित कमलगट्टे की मांग न केवल आजमगढ़ में बल्कि आसपास के जिलों में भी बहुत अधिक है.

रोजगार का मुख्य जरियाकमलगट्टा मुख्य रूप से कमल के फूलों में पाया जाता है और इसका धार्मिक महत्व अत्यंत अधिक है. ताल सलोना के आसपास के किसान कमल की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं और इसी से कमलगट्टे का उत्पादन होता है. इससे किसान दोहरा मुनाफा कमाते हैं क्योंकि कमल के फूल और कमलगट्टे दोनों ही बाजार में अच्छा मूल्य रखते हैं. मार्केट में कमल के फूलों के साथ कमलगट्टे की डिमांड भी लगातार बनी रहती है, जो किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी साबित होती है.

बनारस, कोलकाता और विदेशों तक मांग
ताल सलोना के आसपास रहने वाले लोगों के लिए यह ताल रोजगार का भी मुख्य स्रोत है. ताल में उत्पादित मछली के साथ-साथ व्यापारियों द्वारा कमल के फूल और कमलगट्टे का व्यापार भी बड़े पैमाने पर किया जाता है. ताल के आसपास कुकराही, भीटी, शाहखजुरा, ऊंची और विजयपुर आदि गांव के लोग इस कारोबार से सीधे जुड़े हुए हैं. स्थानीय निवासी सुखदेव बताते हैं कि ताल में उत्पादित कमल के फूल और कमलगट्टे सबसे पहले आजमगढ़ की मंडियों में भेजे जाते हैं, जहां से बड़े व्यापारी इसे गोरखपुर, बनारस और कोलकाता जैसे शहरों में ले जाते हैं. इसके अलावा, बड़े व्यापारी इसे चीन और थाईलैंड जैसे देशों में भी एक्सपोर्ट करते हैं.

आजमगढ़ के मार्केट में कमलगट्टा ₹150 से ₹200 प्रति किलो की दर से बिकता है, जबकि बड़े शहरों में इसकी कीमत हजारों रुपए प्रति किलो तक पहुँच जाती है. यही वजह है कि स्थानीय व्यापारियों की तुलना में बड़े व्यापारी इससे अधिक लाभ कमाते हैं.Seema Nathसीमा नाथ पांच साल से मीडिया के क्षेत्र में काम कर रही हैं. मैने शाह टाइम्स, उत्तरांचल दीप, न्यूज अपडेट भारत के साथ ही लोकल 18 ( नेटवर्क 18) में काम किया है. वर्तमान में मैं News 18 (नेटवर्क 18) के साथ जुड़ी हूं…और पढ़ेंसीमा नाथ पांच साल से मीडिया के क्षेत्र में काम कर रही हैं. मैने शाह टाइम्स, उत्तरांचल दीप, न्यूज अपडेट भारत के साथ ही लोकल 18 ( नेटवर्क 18) में काम किया है. वर्तमान में मैं News 18 (नेटवर्क 18) के साथ जुड़ी हूं… और पढ़ेंन्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Azamgarh,Uttar PradeshFirst Published :November 15, 2025, 21:03 ISThomeuttar-pradeshआजमगढ़ का कमलगट्टा पहुंच रहा चीन-थाईलैंड! किसान कमा रहे तगड़ा मुनाफा

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