अयोध्या: सैकड़ों वर्षों के संघर्ष और बलिदानों के बाद राम भक्तों का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है. प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में राम लला का भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने की कगार पर पहुंच गया है. ट्र्स्ट की मानें तो मंदिर का 65 फीसदी कार्य पूरा कर लिया गया है.दरअसल राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के पिंक स्टोन से बनाए जा रहे गर्भगृह के निर्माण कार्य को पूरा दिसंबर 2023 में ही किया जाना है. ऐसे में मंदिर निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है. मंदिर के भूतल निर्माण के लिए गर्भगृह सहित नृत्य मंडप और रंग मंडप के अलावा गर्भग्रह के उत्तर और दक्षिण दिशा में कीर्तन मंडप बनाए जाने का कार्य शुरू हो चुका है. यानी कि अगले वर्ष मकर संक्रांति के दिन भगवान राम लाला अपने भव्य गर्भगृह में विराजमान होकर दिव्य दर्शन देंगे.11 महीने बाद खत्म होता भक्तों का इंतजारश्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के मुताबिक ठीक 11 महीने बाद सूर्य देव उत्तरायण होंगे और बसंत पंचमी की मकर संक्रांति पर्व पर राम भक्तों का इंतजार खत्म हो जाएगा. अर्थात 11 महीने बाद भगवान राम अपने गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे यानी कि अब राम भक्तों को 11 महीने और इंतजार करना पड़ेगा. हालांकि 2024 को जब सूर्य उत्तरायण में आएंगे तो 1 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा प्रारम्भ करने का अवसर देश को मिल जाएगा.आखिरी वर्ष कई उत्सव का सालवहीं दूसरी तरफ रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि यह आखिरी वर्ष कई उत्सवों का साल है. क्योंकि यह निश्चित है कि अगले मकर संक्रांति के बाद भगवान रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. लिहाजा इस साल के जितने भी उत्सव होंगे वह अस्थाई मंदिर में अंतिम उत्सव होंगे. अभी आगे होली, रामनवमी, झूलनोत्सव के साथ ही दीपावली पर उत्सव होगा. लेकिन दीपावली के बाद होली वाले संक्रांति से जो भी उत्सव आएंगे वह भव्य राम मंदिर में होगा. साथ ही साथ यह भी कहा कि जब राम लला विराजमान हो जाएंगे तो सभी उत्सव 500 वर्ष के पहले के उत्सव की भांति ही होंगे.राम भक्तों की हुई जीत- आचार्य सत्येंद्र दासरामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि जब रामलला विराजमान होंगे वो पल आनंदमयी पल होगा, उस पल को देख भक्त सैकड़ों साल के संघर्ष को भूल जाएंगे. सभी समस्याएं, कठिनाईयां सब दूर हो जाएंगी. यह 495 वर्ष के संघर्षों की जीत है. तमाम उथल-पुथल और परिवर्तन होते-होते अब वह समय आ गया है. 23 दिसंबर 1949 को भगवान राम लला अपने विवादित ढांचा में विराजमान हुए तब भी उत्सव मनाया जाता था. 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिरा उसके बाद 28 वर्ष तक राम लला त्रिपाल में रहे वहां पर भी उत्सव मनाया गया. अब 3 वर्ष से भगवान श्रीराम जहां हैं वहीं सभी सुविधाएं हैं लेकिन मंदिर अस्थाई है. यहां भी उत्सव मनाया जा रहा है लेकिन ये अब ये उत्सव आखिरी उत्सव है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED :  January 28, 2023, 06:38 IST
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                Centre to formulate new SOP to dismantle terror funding networks
Notably, the new plan marks a shift toward data-driven intelligence, as this will enable authorities to deploy advanced…

