रिपोर्ट: सर्वेश श्रीवास्तव
अयोध्या. राम मंदिर में लगने वाले पत्थरों के लिए बिना रुके जो 30 सालों से जो कार्यशाला चल रही है आज आपको उसके गौरवशाली इतिहास के बारे में बतातें हैं. कारसेवक पुरम से कुछ ही दूरी पर स्थित है विश्व हिंदू परिषद (VHP) की कार्यशाला है. यह वही जगह है जहां पिछले लगभग 30 सालों से राम मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को तराशा जा रहा है. सितंबर 1990 में परमहंस रामचंद्र दास, महंत नृत्य गोपाल दास, विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल के मार्गदर्शन में यह कार्यशाला स्थापित की गई थी.
वहीं राम मंदिर के निर्माण की तैयारियों को लेकर यह कार्यशाला प्रमुख केंद्र रही है.1992 से अयोध्या आने वाले पर्यटक या श्रद्धालु इस कार्यशाला में भी हजारों की संख्या में आने लगे. कार्यशाला में आते ही श्रद्धालुओं को वहां उपस्थित लोग यह भी बताते हैं कि इस तरह का पत्थर भगवान राम के मंदिर में लगेंगे.
हालांकि विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा बताते हैं कि इस कार्यशाला का नामकरण पंजाब कार्यसेवा शब्द से लिया गया है. इसी शब्द से कार्यशाला और कारसेवक पुरम का नाम स्थापित किया गया था. 1990 में जब प्रथम कार्यसेवा के दौरान अयोध्या में गोलियां चली थीं तब भी यह कार्यशाला बंद नहीं हुई थी. इसके अलावा कार्यशाला में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु राम मंदिर में लगने वाले पत्थरों का दर्शन करते हैं. 1990 से लेकर अभी तक कार्यशाला में पत्थरों को तराशा जा रहा है.
जानिए कहां स्थित है कार्यशाला यह कार्यशाला राम की पैड़ी से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कारसेवक पुरम के पास है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Ayodhya latest news, Ayodhya ram mandirFIRST PUBLISHED : June 27, 2022, 17:12 IST
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