उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बड़ी खबर आ रही है। अयोध्या में निर्माणाधीन मस्जिद के लिए जिम्मेदार इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने अपने डिज़ाइन को बदलने का फैसला किया है। अब मस्जिद का डिज़ाइन स्थानीय वास्तुकला के अनुसार बनाया जाएगा। पहले मस्जिद का डिज़ाइन आधुनिक और आकर्षक होने वाला था, जिसमें ग्लास फेसेड और अन्य आधुनिक सजावटी तत्व शामिल थे। लेकिन अब मस्जिद का डिज़ाइन स्थानीय भावनाओं और परंपरागत सौंदर्य के अनुसार बनाया जाएगा।
यह फैसला पिछले साल ही लिया गया था, लेकिन इसके बाद भी इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने स्थानीय विकास प्राधिकरण से मूल भवन योजना को मंजूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इस फाउंडेशन के दिन-प्रतिदिन के कार्यों को आठ जीवनी ट्रस्टियों द्वारा संभाला जाता है, जिनमें जुफर अहमद फरूक़ी के चेयरमैन और अथर हुसैन के सचिव हैं। फरूक़ी को उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वाक्फ बोर्ड का भी चेयरमैन है। इस ट्रस्ट में छह और सदस्य हैं, जिनमें उपाध्यक्ष अदनान फारुख शाह, गोरखपुर के एक प्रमुख क्लरिक, कोषाध्यक्ष फैज अफ्ताब, मेरठ के एक व्यवसायी, और मोहम्मद रसीद, इमरान अहमद, जुनैद सिद्दीकी, और सऊद उज़ ज़मान शामिल हैं। रसीद, अहमद, और सिद्दीकी लखनऊ के व्यवसायी हैं, जबकि ज़मान बांदा का है।
इसके अलावा जीवनी ट्रस्टियों के अलावा, कई अन्य व्यक्ति इस ट्रस्ट के साथ विभिन्न क्षमताओं में जुड़े हुए हैं, जो विभिन्न समितियों में भाग लेते हैं और अपने विचारों का योगदान करते हैं।