अयोध्या में भक्तिमय माहौल, कार्तिक मेले में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
अयोध्या में पारंपरिक तौर पर कार्तिक के महीने में देव उठानी एकादशी के दिन से पंच कोसी की परिक्रमा होती है. यह पंच कोसी की परिक्रमा अयोध्या धाम के चारों तरफ की जाती है. अयोध्या में जितने मठ मंदिर है उनकी परिक्रमा एक साथ राम भक्त करते हैं. परिक्रमा करने से जीवन के समस्त पापों से मुक्ति मिलती है. प्रभु राम की नगरी अयोध्या इन दिनों कार्तिक मेले की वजह से श्रद्धालुओं से भरी पड़ी है. हर तरफ केवल सीताराम की धुन सुनाई दे रही है. सड़कों पर श्रद्धालु नजर आ रहे हैं. हर तरफ श्रद्धा भाव नजर आ रहा है. इतना ही नहीं जिस तरह अयोध्या की सड़क महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं से भरी थी. ठीक उसी तरह कुछ ऐसा ही दृश्य अयोध्या में नजर आ रहा है. अयोध्या में जहां 14 कोसी परिक्रमा राम भक्तों ने पूरा कर लिया, वहीं अब पंचकोसी परिक्रमा की तैयारी भी राम भक्त कर रहे हैं.
अयोध्या में पारंपरिक तौर पर कार्तिक के महीने में देव उठानी एकादशी के दिन से पंच कोसी की परिक्रमा होती है. यह पंच कोसी की परिक्रमा अयोध्या धाम के चारों तरफ की जाती है. अयोध्या में जितने मठ मंदिर है उनकी परिक्रमा एक साथ राम भक्त करते हैं. परिक्रमा करने से जीवन के समस्त पापों से मुक्ति मिलती है. अगर आप एक यज्ञ करते हैं जो पुण्य उसमें प्राप्त होता है, उससे कहीं ज्यादा पुण्य आपको परिक्रमा करने से मिलता है. परिक्रमा करने से मन शांत रहता है और जीवन में किए गए समस्त पापों से मुक्ति भी मिलती है. देश दुनिया के लोग इस दिन अयोध्या पहुंचकर अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए पुण्य को अर्जित करने के लिए प्रभु राम का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पंचकोशी की परिक्रमा करते हैं.
1 नवंबर को सुबह 4:42 से पंचकोशी की परिक्रमा लाखों की संख्या में श्रद्धालु करेंगे. और इसका समापन 2 नवंबर को रात्रि 2:57 पर होगा. ऐसी स्थिति में परिक्रमा को लेकर कई लाख श्रद्धालु अयोध्या में मौजूद है. अयोध्या जिला प्रशासन के मुताबिक जहां 14 कोसी परिक्रमा में 25 लाख श्रद्धालुओं ने परिक्रमा किया, तो पंचकोसी परिक्रमा में यह आंकड़ा 35 लाख पहुंच जाएगा. अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम ने बताया कि अयोध्या में कार्तिक का माह विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है. इस महीने कल्पवास करने के लिए श्रद्धालु एक महीने तक रहते हैं और देव उठानी एकादशी के दिन पंच कोसी की परिक्रमा करते हैं. पंच कोसी की परिक्रमा 15 किलोमीटर की होती है. श्रद्धालु सरयू में स्नान करते हैं उसके बाद जहां से परिक्रमा उठाते हैं वहीं जाकर समापन करते हैं फिर सरयू में स्नान करते हैं. अयोध्या के प्राचीन मठ मंदिर में दर्शन पूजन करते हैं परिक्रमा करने से मन शांत रहता है और जीवन में किए गए समस्त पापों से मुक्ति भी मिलती है.


 
                 
                 
                