Uttar Pradesh

Ayodhya: कभी गौरी शंकर महाराज की आवाज का अयोध्‍या में चलता था जादू, अब जी रहे गुमनाम जिंदगी



रिपोर्ट- सर्वेश श्रीवास्तव
अयोध्या. धर्म नगरी अयोध्या साधु संतों के साथ-साथ कला और संस्कृति की भी नगरी है. एक से बढ़कर एक विभूतियां यहां से निकलकर देश दुनिया में मशहूर हुईं हैं, लेकिन इसी अयोध्या में कुछ ऐसे भी हस्तियां हैं जो गुमनाम जिंदगी काट रही हैं. दरअसल एक समय जिनके एक सुर पर मंदिरों की घंटियां बजने शुरू हो जाती थीं, मोर नाचने लगते थे और शीतल हवाएं चलनी शुरू हो जाती थीं, अब वो शख्स गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर है. यही नहीं, 80 के दशक में कई बार अपने संगीत से कई कार्यक्रमों में वाहवाही लूटने वाले और पुरस्कार पाने वाले आज कैमरे को देखकर ही चिड़चिड़ा उठते हैं.
हम बात कर रहे हैं प्रख्यात संगीतज्ञ गौरी शंकर महाराज की, जो कि करीब 90 साल के है. उम्र के अंतिम पड़ाव पर शरीर भी अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था से गुजर रहा है. हालांकि अभी भी संगीत की ध्वनि गौरी शंकर महाराज की जुबान पर चलती है, जिसमें एक अलग झलक देखने को मिलती है. फिलहाल सरयू नदी के किनारे एक कुटिया में गौरी शंकर महाराज गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं. इतना ही नहीं गौरी शंकर महाराज के बारे में कहा जाता है कि जब वह गाते थे, तो तपती गर्मी और धूप में ठंडी हवा बहने लगती थी. हालात और मजबूरियां की वजह से आज उस ध्वनि को ना तो कोई सुनने वाला है और ना ही कोई पूछने वाला है.
कुटिया में सिमट गई है पूरी दुनियाNEWS 18 LOCAL से बात करते हुए प्रख्यात संगीतज्ञ गौरीशंकर महाराज बताते हैं कि प्रभु श्रीराम का नाम लेकर पले बढ़े हैं. बाहर अब आना-जाना नहीं होता है. उम्र भी काफी हो गई है. दोनों पैर में भी दिक्कत आ गई है . सद्गुरू सदन गोलाघाट पाप मोचन घाट के पास बनी ये छोटी कुटिया अब मेरी पूरी दुनिया है. वहीं, उनका पुराने दिनों को याद करते हुए गला भर आया था. गौरीशंकर महाराज बोले कि जब गाता था तब की बात कुछ और थी. अब बुड्ढे हो गए हैं अब कुछ नहीं कर पाते हैं. अयोध्या में जन्म हुआ, अयोध्या में ही रह गए, जब शरीर में ताकत थी और जुबान में सरस्वती जी का वास था.
शिष्यों के पास गुरु के लिए समय नहींगौरी शंकर महाराज बताते हैं कि जब शरीर में ताकत थी तब अलग-अलग जगहों पर प्रोग्राम करते थे और सम्मानित भी होते थे, लेकिन हालात और परिस्थितियां ऐसी बदलीं कि आज अकेले पड़ गए हैं. इस कुटिया में रहते हैं और प्रभु का नाम लेते हैं. भावुक होते हुए बताया कि हमारे इतने शिष्य हैं जो आज देश दुनिया में नाम कमा रहे हैं, लेकिन उनके पास इतना टाइम नहीं है कि चले अपने गुरु से भी मिल लें. इसमें से मानस दास तो क्लासिकल भजन और गजल गायक के रूप में रामनगरी में खासे मशहूर हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Ayodhya NewsFIRST PUBLISHED : October 04, 2022, 14:22 IST



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