Uttar Pradesh

अयोध्या जाने का हैं प्लान? राम मंदिर के बाद इन 7 जगहों जाना न भूलें



सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम की नगरी अयोध्या धार्मिकता के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी विश्व के मानचित्र पर स्थापित हो रही है. एक तरफ प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होकर दिव्य दर्शन दे रहे हैं तो लाखों की संख्या में श्रद्धालु धर्म नगरी अयोध्या पहुंच रहे हैं. अगर आप भी अयोध्या आने का प्लान बना रहे हैं और आप राम मंदिर के अलावा अयोध्या में और जगह पर घूमना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है.

सरयू तट पर बसी प्रभु राम की नगरी अयोध्या मठ-मंदिरों की वजह से पूरे विश्व में विख्यात है. हर राम भक्त अयोध्या जाकर अपने आराध्य प्रभु श्री राम का दर्शन करना चाहता है. प्रभु राम के भव्य महल में विराजमान होने के बाद राम भक्तों जन सैलाब अयोध्या में टूट पड़ा है. 23 जनवरी को राम मंदिर के पट आम भक्तों के लिए खोल दिया गया था. 23 जनवरी को जहां 5 लाख से ज्‍यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, वहीं 24 जनवरी को भक्तों की संख्या में थोड़ी गिरावट देखी गई लेकिन इस दिन 3 लाख से ज्यादा लोगों ने रामलला के दर्शन किए. वैसे तो धार्मिकता के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी प्रभु राम की नगरी अयोध्या विश्व के मानचित्र पर स्थापित हो रही है. अगर आप रामलला के दर्शन पूजन करने के बाद अपना समय व्यतीत करना चाहते हैं अपने परिवार के साथ इंजॉय करना चाहते हैं तो अयोध्या में कई और जगह मौजूद है.

हनुमानगढ़ी : अयोध्या का प्राचीन और सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी मंदिर है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक कहा जाता है कि लंका से लौटने के बाद भगवान राम ने अपने प्रिय भक्‍त हनुमान को यह जगह रहने के लिए दी थी. इस लिए इस जगह को हनुमानजी का घर भी कहते हैं. अथर्ववेद के अनुसार, भगवान राम ने हनुमान जी को कहा था कि जब भी कोई अयोध्‍या में मेरे दर्शन करने आएगा, उससे पहले उसे तुम्‍हारे यानी हनुमानजी के दर्शन करने होंगे। इसलिए आज भी लोग रामलला के दर्शन से पहले हनुमानगढ़ी जाते हैं.

कनक भवन : कहा जाता है कि रानी कैकेयी ने कनक भवन को माता सीता को मुंह दिखाई में दिया था. बाद में कई बार इस मंदिर का निर्माण और जीर्णोद्धार होता रहा है. वर्तमान मंदिर 1891 में ओरक्षा की रानी का बनवाया हुआ है. अयोध्या आने वाले श्रद्धालु हनुमानगढ़ी, श्रीरामजन्मभूमि के साथ कनक भवन अवश्य जाते हैं.

दशरथ महल : दशरथ महल भी प्राचीन और त्रेता युगीन है इस महल में राजा दशरथ निवास करते थे. मान्यता है कि दशरथ महल में प्रभु राम ने अपना अधिकांश बचपन बिताया था. अब, यह एक प्रसिद्ध सिद्धपीठ है जिसमें लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न, राजा दशरथ और उनकी पत्नियों की मूर्तियों के साथ राम-सीता की मूर्तियां हैं. जहां श्रद्धालु एक साथ अयोध्या में पूरे राज परिवार का दर्शन पूजन करते हैं.

नागेश्वर नाथ मंदिर : भगवान राम के पुत्र कुश द्वारा स्थापित नागेश्वर नाथ मंदिर राम की पैड़ी पर स्थित है. सावन माह और शिवरात्रि को यहां पर लाखों की संख्या में भक्ति पहुंचते हैं.

सूर्य कुंड : जब प्रभु राम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे तो अयोध्यावासी समेत सभी देवी देवताओं ने उनका स्वागत किया था. मान्यता है कि उस दौरान भगवान सूर्य भी एक महीने तक अयोध्या में रुके थे. सूर्यकुंड दर्शन नगर में स्थित है. अत्याधुनिक सुविधाओं से यह कुंड बनाया गया है. प्रतिदिन प्रभु राम की गाथा पर यहां पर लेजर शो का आयोजन भी होता है. फैमिली के साथ आप लेजर शो के साथ-साथ पार्क में भी बैठकर इंजॉय कर सकते हैं.

राम की पैड़ी : अयोध्या की हृदय स्थली कहीं जाने वाली राम की पैड़ी अपने आप में एक पिकनिक स्पॉट बनकर उभर रही है. राम की पैड़ी पर सबसे लंबे पर्दे पर लेजर शो का आयोजन होता है. जहां भगवान राम की कथा दिखाई जाती है. साथ ही इसी जगह पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन भी किया जाता है. राम की पैड़ी के बीचो-बीच माता सरयू का आचामन भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु करते हैं.

सरयू तट : सरयू तट पर देश भर से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु नजर आते हैं. धार्मिक मान्यता है कि सरयू तट में स्नान करने से जातकों को सभी पाप से मुक्ति भी मिलती है. इतना ही नहीं स्वयं तीर्थ के राजा प्रयाग भी अपना पाप धुलने के लिए अयोध्या आते हैं.

गुप्तार घाट : यह वह घाट है, जहां भगवान श्रीराम ने जलसमाधि ली थी. सरयू नदी के किनारे स्थित गुप्तार घाट पर कई छोटे-छोटे मन्दिरों के साथ यहां का सुन्दर दृश्य मन को मोह लेने वाला है. मुक्ति पाने की इच्छा लेकर इस स्थान पर दर्शनार्थी आते हैं. 19वीं सदी में राजा दर्शन सिंह द्वारा गुप्तार घाट का नवनिर्माण करवाया गया था. इस घाट पर राम जानकी मंदिर, पुराने चरण पादुका मंदिर, नरसिंह मंदिर और हनुमान मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र हैं.
.Tags: Ayodhya News, Ayodhya ram mandir, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : January 25, 2024, 22:11 IST



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