Asia Cup 2023: टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने एशिया कप 2023 के लिए श्रीलंका रवाना होने से पहले टीम इंडिया की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा बयान दिया है. रोहित शर्मा ने अपनी बल्लेबाजी में एक अलग एंगल जोड़ा है और वह है आक्रामकता के साथ सतर्कता. रोहित शर्मा अपनी बल्लेबाजी से मिले नतीजों से खुश हैं. वर्ल्ड कप 2019 के अंत तक रोहित शर्मा ने 27 शतक बनाए थे, लेकिन पिछले चार वर्षों में वह इनमें केवल तीन और शतक ही जोड़ पाए हैं. रोहित का मानना है कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि उन्होंने बल्लेबाजी के दौरान जोखिम उठाने शुरु कर दिए हैं.
Asia Cup के लिए रवाना होने के दौरान गरजे रोहितरोहित ने कहा, ‘मैं ज्यादा जोखिम लेना चाहता था, इसलिये मेरे शतकों की संख्या अब थोड़ी अलग है. मेरा (वनडे) स्ट्राइक रेट (इस दौरान) बढ़ गया, लेकिन औसत थोड़ा कम हो गया. हमारे बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ मुझे यही बता रहे थे.’ रोहित एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने तीन दोहरे शतक (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2013 में 209 रन, श्रीलंका के खिलाफ 2014 में 264 रन, श्रीलंका के खिलाफ 2017 में नाबाद 208 रन) जड़े हैं. रोहित की अंतिम 150 रनों से ज्यादा की पारी साल 2019 में विशाखापट्टनम में वेस्टइंडीज के खिलाफ बनी.
पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले दिया बड़ा बयान
रोहित ने कहा कि उन्हें इस दौरान कहीं कहीं समझौता भी करना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘मेरा करियर स्ट्राइक रेट करीब 90 (89.97) था, लेकिन पिछले दो साल में अगर आप मेरे स्कोर देखो और स्ट्राइक रेट को देखो तो यह 105-110 के करीब रहा है. इसलिए कहीं न कहीं आपको समझौता करना पड़ता है. ऐसा संभव नहीं है कि औसत 55 का हो और स्ट्राइक रेट 110 का. जोखिम उठाना पूरी तरह से मेरी पसंद रही. मेरी सामान्य बल्लेबाजी अब भी मेरे अंदर है, लेकिन मैं कुछ और आजमाना चाहता था. मैं नतीजे से भी खुश हूं.’
150 से 170 रन बनाना चाहता हूं
बल्कि उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में बदलाव के बारे में टीम प्रबंधन को अवगत करा दिया था. रोहित ने कहा, ‘हर कोई लंबे समय तक बल्लेबाजी करना चाहता है और 150 या 170 रन बनाना चाहता है. मैं अब भी ऐसा करना चाहता हूं, लेकिन हमेशा ऐसा करना अच्छा होता है जो आपने कभी नहीं किया हो. यह आपकी बल्लेबाजी योग्यता में ही जुड़ता है. जब तक आप करोगे नहीं, आप इसके बारे में जानोगे नहीं.’
भारत में बल्लेबाजी करना ज्यादा मुश्किल
रोहित ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि अगर मैं जोखिम भरे शॉट खेलता हूं तो मैं कुछ दफा आउट हो जाऊंगा लेकिन मुझे कोई परेशानी नहीं थी. मैंने टीम प्रबंधन को बता दिया था कि मैं इसी तरह से खेलना चाहता हूं.’ भारतीय टीम घरेलू मैदानों पर जिस तरह के ट्रैक पर खेलती है, वे बल्लेबाजों के मुफीद नहीं हैं और भारतीय कप्तान पिछले कुछ समय से सबसे निरंतर टेस्ट बल्लेबाजों में शुमार है. रोहित ने कहा, ‘भारत में मेरी हाल की टेस्ट पारियों को देखो. मैं आपको बता सकता हूं कि अब भारत में बल्लेबाजी करना विदेश में बल्लेबाजी करने से ज्यादा मुश्किल है, विशेषकर पिछले दो तीन वर्षों में ऐसा हो गया है.’
भारत की पिचें विदेशों से ज्यादा चुनौतीपूर्ण
रोहित ने कहा, ‘हम जिन पिचों पर खेलते हैं, वे विदेशों से ज्यादा चुनौतीपूर्ण हैं. इसलिए हमने बल्लेबाजी इकाई के रन और औसत के बारे में बात नहीं की है. हम सभी सहमत हुए कि हम चुनौतीपूर्ण पिचों पर खेलना चाहते हैं. मैं इस बात की चिंता नहीं करना चाहता कि हमारा औसत कैसा रहेगा. मैं ऐसा ही सोचता हूं लेकिन विभिन्न खिलाड़ियों के सोचने की प्रक्रिया अलग है और मैं इसे बदलना नहीं चाहता. मैं ऐसी पिचों पर खेलूंगा जो हमारे गेंदबाजों के लिए फायदेमंद रहें.’
नतीजा हासिल करना सबसे महत्वपूर्ण
रोहित 11 साल तक मुंबई इंडियंस की कप्तानी कर चुके हैं और करीब दो साल से राष्ट्रीय टीम की अगुवाई कर रहे हैं. तो क्या कप्तानों का कार्यकाल होता है? इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘कार्यकाल जैसी कोई चीज नहीं होती. आपको एक जिम्मेदारी मिलती है, आप नतीजा हासिल करते हो और सबसे महत्वपूर्ण कि आपको जो जिम्मेदारी दी गयी है, उससे आप खुश हो. कार्यकाल की तुलना में यह सबसे अहम सवाल है.’
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