India tour of England: दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद टीम इंडिया को नए कप्तान की जरूरत है. उन्होंने 7 मई को रिटायरमेंट का ऐलान किया था और एक हफ्ते के अंदर विराट कोहली ने यही फैसला करके सबको चौंका दिया. ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के दजौरान संन्यास लेने वाले रविचंद्रन अश्विन का मानना है कि टीम इंडिया में इससे एक बड़ा शून्य पैदा हो ग या है और दोनों दिग्गजों की जगह लेना किसी के लिए आसान नहीं होगा.
बुमराह को माना कप्तानी का दावेदार
बीसीसीआई चयनकर्ताओं के पास अब अगले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान को चुनने की जिम्मेदारी है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान रोहित की अनुपस्थिति में जसप्रीत बुमराह ने टीम की कप्तानी की थी. जबकि कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि शुभमन गिल इस पद के लिए शीर्ष दावेदार हैं. अश्विन का मानना है कि बुमराह कप्तानी के हकदार हैं, लेकिन अंततः उन्होंने यह निर्णय चयनकर्ताओं पर छोड़ दिया.
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गौतम गंभीर युग की शुरुआत: अश्विन
अश्विन ने अपने यूट्यूब शो ‘अश्विन की बात’ पर कहा, ”मुझे अंदाजा नहीं था कि दोनों (रोहित और कोहली) एक साथ संन्यास ले लेंगे. यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक कठिन समय होगा और मैं कहूंगा कि यह वास्तव में अब गौतम गंभीर युग की शुरुआत है. जो टीम इंग्लैंड का दौरा करेगी वह पूरी तरह से नई टीम होगी. एक परिवर्तित टीम होगी जहां बुमराह शायद सबसे सीनियर खिलाड़ी होंगे. वह स्पष्ट रूप से कप्तानी के विकल्पों में से एक हैं. मुझे लगता है कि वह कप्तानी के हकदार हैं, लेकिन चयनकर्ता उनकी शारीरिक क्षमता के आधार पर निर्णय लेंगे.”
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‘आप अनुभव नहीं खरीद सकते’
रोहित और विराट के संन्यास के फैसले अश्विन का मानना है कि इस जोड़ी में अभी भी भारतीय क्रिकेट को और अधिक देने की क्षमता बची हुई थी. उनका कहना है कि जब भारत 20 जून से हेडिंग्ले में दबाव वाले टेस्ट मैचों में इंग्लैंड का सामना करने के लिए उतरेगा, तो विराट की ऊर्जा और रोहित के शांत स्वभाव की कमी खलेगी. उन्होंने कहा, “उनके संन्यास से निश्चित रूप से नेतृत्व का शून्य पैदा होगा. आप अनुभव नहीं खरीद सकते, खासकर इस तरह के दौरों पर. विराट की ऊर्जा और रोहित के शांत स्वभाव की कमी खलेगी. पिछले 10-12 वर्षों में टेस्ट भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रारूप रहा है, लेकिन सिर्फ नेतृत्व के लिए रोहित को इंग्लैंड सीरीज तक खेलना चाहिए था और अगर उन्होंने प्रदर्शन किया होता, तो वह आगे बढ़ सकते थे.”
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