नई दिल्ली: सेना ने अपने जवानों की शारीरिक फिटनेस के मानकों को फिर से परिभाषित करने के लिए नए दिशानिर्देश तैयार किए हैं, जो अग्निवीरों से लेकर सबसे उच्च अधिकारियों तक सभी के लिए लागू होंगे। इन दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी जवानों को हर साल दो बार शारीरिक परीक्षण पास करना होगा, जिसमें बैटल फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (बीपीईटी) और फिजिकल प्रोफिशिएंसी टेस्ट (पीपीटी) शामिल होंगे।
अब तक, अधिकारियों और जवानों को 50 वर्ष की आयु तक दो अलग-अलग शारीरिक परीक्षण पास करने होते थे, जिनमें से एक बीपीईटी और दूसरा पीपीटी था। लेकिन अब, नए दिशानिर्देशों के अनुसार, 60 वर्ष की आयु तक जवानों को भी इन परीक्षणों को पास करना होगा।
सेना के अधिकारियों के अनुसार, नए दिशानिर्देश 1 अप्रैल, 2026 से लागू होंगे, जो अग्निवीरों से लेकर तीन-तारा सेना कमांडरों तक सभी के लिए लागू होंगे। इन दिशानिर्देशों के अनुसार, जवानों को हर छह महीने में एक बार शारीरिक परीक्षण पास करना होगा।
सेना के अधिकारियों के अनुसार, शारीरिक फिटनेस जवानों के लिए बहुत जरूरी है, जिससे वे सैन्य प्रशिक्षण और बहुस्तरीय अभियानों में सक्षम हो सकें। शारीरिक फिटनेस जवानों को मजबूत, लचीला और तेज बनाती है, जिससे वे तेजी से और प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।
सेना के अधिकारियों के अनुसार, एक फिट जवान अधिक क्षमतावान, विश्वसनीय और प्रभावी होता है, जो अपनी टीम के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन होता है। यही कारण है कि सेना ने जवानों के लिए नए दिशानिर्देश तैयार किए हैं, जो उनकी शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए हैं।
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, जवानों को हर छह महीने में एक बार शारीरिक परीक्षण पास करना होगा। इस परीक्षण में जवानों को उनकी शारीरिक फिटनेस का आकलन करने के लिए विभिन्न परीक्षणों को पास करना होगा। इन परीक्षणों में से कुछ हैं:
* 35 वर्ष से कम आयु के जवानों के लिए हॉरिजॉन्टल रोप और वर्टिकल रोप
* 35-45 वर्ष के आयु वर्ग के जवानों के लिए हॉरिजॉन्टल रोप और वर्टिकल रोप
* 45 वर्ष से अधिक आयु के जवानों के लिए हॉरिजॉन्टल रोप और वर्टिकल रोप नहीं
* 35 वर्ष से कम आयु के जवानों के लिए पुश-अप और सिट-अप
* 35-45 वर्ष के आयु वर्ग के जवानों के लिए पुश-अप और सिट-अप
* 45-50 वर्ष के आयु वर्ग के जवानों के लिए पुश-अप और सिट-अप
* 50-55 वर्ष के आयु वर्ग के जवानों के लिए 3.2 किमी की तेज चलाई और कुछ सिट-अप और पुश-अप
* 55-60 वर्ष के आयु वर्ग के जवानों के लिए 3.2 किमी की तेज चलाई और कुछ सिट-अप और पुश-अप
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, जवानों को हर छह महीने में एक बार शारीरिक परीक्षण पास करना होगा। इस परीक्षण में जवानों को उनकी शारीरिक फिटनेस का आकलन करने के लिए विभिन्न परीक्षणों को पास करना होगा।