Team India Star Cricketer: टीम इंडिया का एक स्टार बल्लेबाज अपनी बैटिंग पर लगातार उठ रहे सवालों पर जमकर भड़का है. बता दें कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कल मोहाली में शाम 7:30 बजे से तीन मैचों की टी20 सीरीज का पहला मुकाबला खेला जाएगा. स्टार बल्लेबाज केएल राहुल को पिछले कुछ समय से उनके स्ट्राइक रेट के कारण काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ रही हैं और इस स्टाइलिश बल्लेबाज का मानना है कि पूरी पारी के दौरान एक जैसी लय बनाए रखना मुश्किल है.
अपनी बैटिंग पर उठ रहे सवालों पर भड़का टीम इंडिया का ये स्टार
केएल राहुल को लगता है कि ‘रन की संख्या धोखा दे सकती है लेकिन यह पूरी दास्तां बयां नहीं करती’ और टी20 वर्ल्ड कप से पहले उनकी कोशिश पावरप्ले ओवरों में अपने ‘स्ट्राइक रेट’ को सुधारने की है. राहुल ने UAE में एशिया कप के दौरान 122.22 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की थी. उन्होंने कहा, ‘यह (स्ट्राइक रेट) ऐसी चीज है, जिसके लिए हर खिलाड़ी काम करता है. कोई भी ‘परफेक्ट’ नहीं है. हर कोई किसी ना किसी चीज पर काम कर रहा है.’
‘कोई भी परफेक्ट नहीं’
हालांकि राहुल के करियर में टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों का स्ट्राइक रेट 61 मैचों में 140 से ज्यादा का है, क्योंकि पारी के अंत में वह इसकी भरपाई कर लेते हैं. केएल राहुल ने इस बहस पर अपना तर्क देते हुए कहा, ‘स्ट्राइक रेट ‘ओवरऑल’ (कुल स्कोर के) आधार पर लिया जाता है.’
स्ट्राइक रेट पर उठ रहे सवाल
राहुल ने कहा, ‘आप एक बल्लेबाज को (पूरी पारी के दौरान) किसी एक निश्चित स्ट्राइक रेट पर खेलते हुए कभी नहीं देखते. उसके लिए 200 के स्ट्राइक रेट पर खेलना अहम था या फिर टीम 100 या 120 के स्ट्राइक रेट से खेलने से भी जीत सकती थी, इन चीजों के बारे में हमेशा आकलन नहीं किया जाता. इसलिए जब आप इसे पूर्ण रूप से देखते हैं, तो यह धीमा दिखता है.’ लेकिन राहुल अपने स्ट्राइक रेट पर काम कर रहे हैं. राहुल ने कहा, ‘मैं इस पर काम कर रहा हूं. निश्चित रूप से पिछले 10 से 12 महीनों में प्रत्येक खिलाड़ी के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है. हर किसी के पास स्पष्ट समझ है कि उससे किस चीज की उम्मीद है. मैं बस इसी ओर काम कर रहा हूं कि मैं बतौर सलामी बल्लेबाज खुद को कैसे बेहतर कर सकता हूं.’
अपनी गलतियों से सीख लेते हैं
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती टी20 से पहले भारतीय उप कप्तान ने कहा, ‘टीम के माहौल ने हमेशा खिलाड़ियों को अपनी गलतियों से सीख लेने दी है.’ उन्होंने कहा, ‘हमने ऐसा माहौल बनाया है, जिसमें खिलाड़ी विफल होने से डरते नहीं हैं या गलतियां करने के बाद भय महसूस नहीं करते. अगर गलतियां होती हैं तो ये हमने ये की हैं. हमें इनके लिये कड़ी मेहनत करनी होगी.’
आलोचना तो हर कोई करता है
आलोचनाएं तो होती रहेंगी, लेकिन यह भारतीय टीम खुद की आलोचना में भरोसा करती है. उन्होंने कहा, ‘आलोचना तो हर कोई करता है, लेकिन हम ही सबसे ज्यादा आलोचना करते हैं. हम देश के लिये खेल रहे हैं और जब हम अच्छा नहीं कर पाते तो इससे हमें सबसे ज्यादा दुख होता है.’
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