मेरठ में अब्दुल्ला रेजीडेंसी विवाद: संत समाज ने मांगी सख्त कार्रवाई
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में बन रही अब्दुल्ला रेजीडेंसी इन दिनों खासी चर्चाओं में है। यह रेजीडेंसी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पास स्थित है और इसमें हिंदूओं की एंट्री बैन है। हापुड़ रोड़ पर बन रही इस रेजीडेंसी में हिंदुओं को प्लॉट बेचने की मनाही है, जिसके बाद इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है।
इस विवाद के सामने आने के बाद अयोध्या के संतों ने तीखी नाराजगी जताई है और प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से सख्त कार्रवाई की मांग की। दरअसल, अब्दुल्ला रेजीडेंसी में हिंदुओं के प्रवेश और जमीन खरीदने पर पाबंदी लगाई गई है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय विधायक ने सरकार से इसकी जांच कराने की मांग की है।
इससे पहले ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश डीएम को दिए थे। आरोप है कि इस रेजीडेंसी में केवल मुस्लिम समुदाय के लोगों को ही प्लॉट बेचे जा रहे हैं और अन्य समुदायों को जमीन खरीदने की इजाजत नहीं है।
अब इस मामले पर सरयू नित्य आरती के अध्यक्ष महंत शशिकांत दास ने कहा, ‘यह बहुत ही दुखद और चिंताजनक स्थिति है। हम अपने ही देश में अपनी ही जमीन पर इस तरह के भेदभाव का सामना कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन है कि इस पर तुरंत संज्ञान लिया जाए और कार्रवाई की जाए।
हनुमानगढ़ी अयोध्या के देवेशाचार्य ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन लोगों का बंटवारा हो चुका है और जिनका भारत में कोई संवैधानिक अस्तित्व नहीं होना चाहिए, वे ही अब हिंदुओं पर अत्याचार कर रहे हैं।’
संत समाज ने इस पूरे मुद्दे को सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देने वाला बताया है और मुख्यमंत्री से सीधी दखल की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं समाज को तोड़ने का काम करती हैं और यदि समय रहते इन पर लगाम नहीं लगाई गई, तो भविष्य में गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
बता दें, इससे पहले ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर ने अब्दुल्ला रेजीडेंसी की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने बाकायदा मेरठ के डीएम को एक पत्र भी लिखा, जिसमें कॉलोनी के मानचित्र और स्थलीय निर्माण की जांच के आदेश दिए।
जिसके बाद मेरठ की हलाल टाउनशिप अब्दुल्ला रेजीडेंसी की जांच के आदेश डीएम ने एससी आवास विकास और उपजिलाधिकारी सदर को जांच के दिए है। अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपनी होगी। आदेश मिलते ही जांच टीम मौके पर पहुंची और इलाके की स्थिति का जायजा लिया।
जांच में हिस्ट्रीशीटर सारिक की भूमिका की भी पड़ताल शामिल है। बता दें, अब्दुल्ला रेजीडेंसी मेरठ के दक्षिण विधानसभा स्थित हापुड़ रोड पर पिछले 10 सालों से विकसित की जा रही है। पर अब इस कॉलोनी के ऊपर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
वजह साफ है…रेजीडेंसी में केवल धर्म विशेष के लोगों को ही प्रॉपर्टी खरीदने की सुविधा है। हाल ही में रेजीडेंसी में एक मस्जिद भी बनाई गई है। इससे पहले मुंबई में केवल मुसलमानों के लिए विशेष टाउनशिप प्रोजेक्ट को लेकर विवाद खड़ा हो गया था।
प्रोजेक्ट के विज्ञापन में कहा गया था कि हलाल अपॉर्टमेंट में हिंदुओं की एंट्री नहीं होगी। हालांकि, विवाद के बाद इस विज्ञापन को वापस ले लिया गया था।