Last Updated:June 29, 2025, 16:00 ISTGala Ghontu Bimari: बरसात में इंसानों के साथ-साथ जानवरों की सेहत पर भी असर पड़ता है. बरसात के मौसम में पशुओं में गला घोंटू बीमारी का खतरा बढ़ गया है, जो खासतौर पर भैंसों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है. इस बीमा…और पढ़ेंहाइलाइट्सबरसात के मौसम में गला घोंटू बीमारी भैंसों में ज़्यादा असर डालती है.इस बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत पशु चिकित्सालय से कांटैक्ट करें.इस बीमारी में जानवर के गले में सूजन और गले से घर्र-घर्र की आवाज आती है.सुल्तानपुर: बारिश का मौसम जहां इंसानों के लिए सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां लेकर आता है, वहीं इस समय पशुओं के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है. खासतौर पर जानवरों में ‘गला घोंटू’ नाम की बीमारी तेजी से फैलने की संभावना बढ़ गई है. अगर आपके पशुओं में भी इस बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं तो आपको तुरंत सतर्क होने की जरूरत है. अच्छी बात ये है कि इससे बचाव के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में सुल्तानपुर जिले में पशुपालन विभाग द्वारा व्यापक टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में…क्या होती है गला घोंटू बीमारी?
सुल्तानपुर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कुमार तिवारी ने बताया कि गला घोंटू एक जानलेवा बीमारी है, जो खासतौर पर गाय और भैंस में देखी जाती है। हालांकि इसका असर भैंसों पर ज्यादा होता है. यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि सही समय पर इलाज न मिले तो कुछ ही दिनों में जानवर की मौत भी हो सकती है.
क्यों कहते हैं इसे गला घोंटू?इस बीमारी में जानवरों के गले से घर्र-घर्र की अजीब सी आवाज आने लगती है. इसी वजह से इसे ‘गला घोंटू’ कहा जाता है. दरअसल, इस बीमारी में जानवर के गले में सूजन आ जाती है और वहां मौजूद बैक्टीरिया पूरे गले को प्रभावित कर देते हैं, जिससे जानवर ठीक से सांस नहीं ले पाता.
कैसे पहचानें इसके लक्षण?
अगर आपके पशु में ये लक्षण नजर आ रहे हैं तो सतर्क हो जाइए. इस दौरान जानवर खाना-पीना छोड़ देता है, इसके शरीर का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है, कान लटक जाते हैं इसके अलावा गले में सूजन आ जाती है साथ ही गले से घर्र-घर्र की आवाज सुनाई देती है.
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बचाव के लिए क्या करें?मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक, इससे बचाव का सबसे कारगर तरीका टीकाकरण है. सुल्तानपुर जिले में इस बीमारी से बचाने के लिए 5 लाख 8 हजार पशुओं को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. इनमें से अभी तक करीब ढाई लाख पशुओं का टीकाकरण हो चुका है. अगर आपके जानवर में बीमारी के लक्षण नजर आ रहे हैं तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय में संपर्क करें और टीकाकरण कराएं. इसके अलावा पशुओं को हल्का गुनगुना पानी पिलाएं और बारिश के मौसम में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.Location :Sultanpur,Uttar Pradeshhomeagricultureबरसात के मौसम में पशुओं पर मंडरा रहा है इस बीमारी का खतरा, तुरंत बरतें सावधानी