Uttar Pradesh

Amethi Ground Report: अंत्येष्टि स्थल या भ्रष्टाचार का श्मशान? 24 लाख खर्च, फिर भी न टिनशेड, न कोई सुविधा!

अमेठी: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है, जो सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत को उजागर करती है. सरकार ने गांवों में अंतिम संस्कार के लिए अंत्येष्टि स्थलों का निर्माण करवाने का सपना देखा था, ताकि लोगों को कठिन समय में सुविधा मिल सके. लेकिन अफसोस, यह सपना अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है.

सरकार ने भले ही लाखों रुपए खर्च कर जगह-जगह अंत्येष्टि स्थल बनवाए हों, लेकिन अधिकतर स्थानों पर इनका हाल जर्जर हो चुका है. न तो टीनशेड सही हैं, न शौचालय बचे हैं और न ही कोई रखरखाव हो रहा है. अब लोग अंतिम संस्कार के बजाय अंत्येष्टि स्थलों की बदहाली पर सवाल उठाने को मजबूर हैं.

24 लाख की लागत, लेकिन जमीन हकीकत अलग
सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, एक अंत्येष्टि स्थल पर लगभग 24 लाख रुपए खर्च किए गए. इस रकम से टीनशेड, शौचालय, पीने के पानी की व्यवस्था और देखरेख के लिए केयरटेकर की व्यवस्था होनी थी. लेकिन हकीकत इससे बिलकुल उलट है.

Local 18 की टीम जब ज़मीनी हकीकत जानने पहुंची, तो हाल बेहद खराब निकला. कई स्थलों पर टीनशेड टूटे हुए थे, दरवाजे गायब थे और शौचालय का नामोनिशान तक नहीं था. कुछ जगह तो ये स्थल पूरी तरह वीरान पड़े हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा.

जामों ब्लॉक में भी हाल बेहाल
अमेठी की जामों ब्लॉक के कटारी गांव में बना अंत्येष्टि स्थल भी उसी हाल में है. गांव के एक निवासी ने बताया कि यह स्थल करीब 4-5 साल पहले बना था, लेकिन अब यह पूरी तरह जर्जर हो चुका है. उन्होंने बताया कि टीनशेड, शौचालय के दरवाजे और तारबंदी तक चोरी हो चुके हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह स्थल दोबारा ठीक से बना दिया जाए, तो अंतिम संस्कार में काफी सहूलियत होगी. गांव के एक बुजुर्ग ने बताया कि बहुत से लोगों के पास अपनी ज़मीन नहीं है, ऐसे में सरकारी अंत्येष्टि स्थल से गरीबों को बहुत मदद मिल सकती है.

अधिकारियों ने दी सफाई
पूरा मामला सामने आने के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी मनोज त्यागी ने सफाई दी है. उन्होंने बताया कि वर्तमान वर्ष में जिन अंत्येष्टि स्थलों का निर्माण हो रहा है, उनका काम अभी जारी है. वहीं, पिछले सालों में बने स्थलों की जांच कराई जा रही है.

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