मुकेश राजपूत/बुलंदशहर. बुलंदशहर के खदोई गांव के स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास की किताब अमेरिका और स्विट्जरलैंड में पढ़ाई जा रही है. गांव निवासी प्रवीण कुमार राजौरा ने बताया कि जनपद बुलंदशहर की तहसील स्याना का खदोई गांव ऐसा गांव है. जिसमें सबसे अधिक 42 स्वतंत्रता रह चुके हैं. अर्थशास्त्री गिलबर्ट एटीएन ने कई वर्ष तक गांव खदोई में शोध करने के बाद उन पर पुस्तक लिखी थी. जिसका इतिहास अमेरिका और स्विट्जरलैंड के छात्र आज भी पढ़ रहे हैं.

देश में 8 अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा शुरू दिया था. इस आंदोलन ने खदोई गांव को पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया था. महाशय करनाल के नेतृत्व में गांव के 42 युवाओं पर आजादी का ऐसा जुनून सवार हुआ कि उन्होंने चरोरा गांव स्थित अंग्रेजों के कोर्ट पर मिट्टी का तेल छिड़ककर कोर्ट को आग लगा दी थी. तत्कालीन कलेक्टर हार्डली ने सभी स्वतंत्रता सेनानियों को पकड़कर जेल में डाल दिया था, हालांकि जेल में डाले गए स्वतंत्रता सेनानियों को देश आजाद होने के बाद रिहा किया गया था.

आर्थिक स्थिति में बदलाव पर शोध किया

प्रवीण कुमार राजौरा के मुताबिक, स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन बताते हैं कि स्विट्जरलैंड की जेनेवा यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री डॉ. गिलबर्ट एटीएन ने साठ के दशक में खदोई गांव में कई साल तक आजादी के लिए यहां के नौजवानों का संघर्ष और यहां की जातिगत विविधता और हिंदू मुस्लिम के एक साथ आजादी के लिए संघर्ष और आर्थिक स्थिति में बदलाव पर शोध किया था.

42 स्वतंत्रता सेनानियों की गौरवगाथा

आजादी से पहले आजादी के बाद यहां आर्थिक स्थिति में बदलाव को लेकर कई पुस्तके लिखी थीं. जिनमें स्टडीज इन इंडियन एग्रीकल्चर और फूड एंड पूअर्टी, इंडियाज हाफ बैटल वोन समेत कई पुस्तकें शामिल हैं. अर्थशास्त्री गिलबर्ट एटीएन की लिखी पुस्तकों में उल्लेखित गांव खदोई के 42 स्वतंत्रता सेनानियों की गौरवगाथा अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और स्विट्जरलैंड की जेनेवा यूनिवर्सिटी में छात्रों को देश प्रेम के लिए प्रेरित कर रही हैं.
.Tags: Bulandshahr news, Latest hindi news, UP newsFIRST PUBLISHED : May 19, 2023, 17:34 IST



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