Pig Kidney Transplant in human: किडनी एक महत्वपूर्ण अंग है, जो शरीर का खून साफ करने और यूरिन बनाने में मदद करता है. इसके अलावा भी, किडनी कई महत्वपूर्ण कार्य करती है और अगर ये काम करना बंद कर दे, तो इंसान की मृत्यु तक हो सकती है. इससे जुड़ा एक मामला अमेरिका के न्यूयॉर्क में सामने आया. जिसमें एक ब्रेन डेड मरीज की किडनी खराब हो चुकी थी. चिकित्सकों की एक टीम ने इस मरीज की किडनी की जगह सूअर की किडनी ट्रांसप्लांट (pig kidney transplant) कर दी और वह सामान्य रूप से काम करने लगी. जिसे देखकर हर कोई चौंक गया. आपको बता दें कि यह प्रक्रिया एक्सपेरिमेंट का हिस्सा थी. जिसके लिए मरीज के घरवालों की स्वीकृति ले ली गई थी.
विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत बड़ी सफलताएक अंग्रेजी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, New York University (NYU) Langone के सर्जन्स की टीम ने 25 सितंबर को वेंटीलेटर पर मौजूद एक ब्रेन डेड मरीज में अनुवांशिक रूप से संशोधित (genetically modified) सूअर की किडनी ट्रांसप्लांट की. NYU के ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर Robert Montgomery ने बताया कि, दो घंटे के ट्रांसप्लांट के बाद किडनी मरीज में सामान्य रूप से सक्रिय हो गई और वेस्ट मटेरियल हटाने और पेशाब बनाने लगी. इसके साथ ही, मरीज में किडनी creatinine molecule का स्तर घटाने में सक्षम देखी गई. जो कि किडनी का स्वास्थ्य गिरने पर बढ़ने लगता है.
ये भी पढ़ें: वैज्ञानिकों का दावा: कोरोना की तरह ही फैलता है टीबी, खांसी से ज्यादा इस चीज से फैलता है
मरीज की थी ऑर्गन डोनेट करने की इच्छाएजेंसी के मुताबिक, Montgomery ने बताया कि मरीज मृत्योपरांत ऑर्गन डोनर बनना चाहता था. मगर जब परिवार वालों को बताया गया कि मरीज की किडनी डोनेट करने लायक नहीं है, तो वह काफी निराश हुए. लेकिन जब हम इस एक्सपेरिमेंट का प्रस्ताव लेकर उनके पास गए, तो उन्हें इस बात की खुशी हुई कि ऑर्गन डोनेशन का दूसरा तरीका वह अपना सकते हैं. जिसके बाद परिजनों ने दो दिन के एक्सपेरिमेंट के लिए इजाजत दे दी. किडनी ट्रांसप्लांट करने से पहले मरीज की बॉडी को वेंटीलेटर से उतारकर 54 घंटे के टेस्ट से गुजारा गया.
भविष्य में करने होंगे और एक्सपेरिमेंटरिपोर्ट के मुताबिक, इंसानों में सूअर की किडनी ट्रांसप्लांट करने का यह पहला मामला है. लेकिन हमें अभी यह जानना होगा कि ट्रांसप्लांट के 3 घंटे, 1 महीना या 3 महीना बाद ये किडनी कैसे कार्य करती है. जिसके लिए भविष्य में किसी जीवित व्यक्ति पर एक्सपेरिमेंट किया जा सकता है. हालांकि, अभी यह सफलता मील का पत्थर साबित होगी. क्योंकि, दुनियाभर में कई लोगों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जरूरत है, जिसके कारण शारीरिक अंगों की भारी कमी है और ऐसे लोगों में किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत वाले बहुत लोग हैं.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.
ये भी पढ़ें: Strong bones: ये महिलाएं हड्डियों को ऐसे बना सकती हैं मजबूत, कभी नहीं होगा हड्डियों में दर्द
No action against men who got Rs 10K under women yojna
PATNA: The Bihar government on Thursday clarified that it would not take ‘coercive action’ against the 470 differently…

