81 साल के जो बिडेन (Joe Biden) अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति हैं और दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों में से एक हैं. ऐसे में उनकी याददाश्त पर सवाल उठना एक बड़ा मुद्दा है. उन्होंने अपने स्पीच के दौरान गॉड सेव द क्वीन बोलने जैसी गलती करने के अलावा वह यूक्रेन और रूस के वार डेट भी भूल गए थे. जिसके कारण अब मिस्टर प्रेसिडेंट को अपने मेमोरी को लेकर जवाब देना पड़ रहा है.
हालांकि, जो बिडेन की मेमोरी वास्तव में कितनी कमजोर हो गई है इस पर फिलहाल कुछ भी कहना मुश्किल है. लेकिन मेडिकल साइंस में बढ़ती उम्र के कारण कमजोर होने वाली मेमोरी की बात को बहुत पहले ही साबित किया जा चुका है. इतना ही नहीं हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार 70-80 के उम्र में आने के बाद व्यक्ति डिमेंशिया यानी कि भूलने की बीमारी के जोखिम के घेरे में आ जाते हैं.बढ़ती उम्र के साथ दिमाग भी होता है बूढ़ा
समझने की शक्ति एक व्यक्ति के जीवन काल में कई तरह से बदलती है. ऐसे में जब व्यक्ति की उम्र बढ़ती है तो मेमोरी में इंफॉर्मेशन को स्टोर करने की कैपेसिटी और उसकी समझ इफेक्ट होने लगती है. याददाश्त में यह बदलाव आमतौर पर 60 की उम्र से शुरू हो जाता है, जो 70-80 साल में ज्यादा नजर आने लगता है.
इस तरीके से रखें मेमोरी को स्ट्रांग
फिजिकल हेल्थ को मेंटेन करके आप एज रिलेटेड मेमोरी प्रॉब्लम के प्रोसेस को स्लो कर सकते हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग के अनुसार एरोबिक एक्सरसाइज, और हेल्दी डाइट में फ्रेश फ्रूट्स और वेजिटेबल के सेवन से मेमोरी को बुढ़ापे में भी स्ट्रांग रखा जा सकता है.
मेमोरी को शार्प रखने के लिए ये चीजें भी जरूरी
सही मात्रा में नींद लेने, लोगों से मिलना, नई चीजों को सिखना, पढ़ना, तनाव को मैनेज करना और हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी हेल्थ कंडीशन को कंट्रोल करने से लंबे समय तक मेमोरी लॉस के जोखिम से बचा जा सकता है. साथ ही इससे मेमोरी भी शार्प रहती है.
Haryana Assembly passes Bill to increase working time to 10 hours for shop employees
CHANDIGARH: The Haryana Assembly on Monday passed a bill increasing the daily working hours from nine to ten…

