Last Updated:December 24, 2025, 19:15 ISTAgra News: देश में ऐसे कई चमत्कारिक मंदिर हैं, जिनकी कहानी काफी रोचक है. ऐसी ही रोचक कहानी आगरा के एक हनुमान मंदिर की है, जिसे लंगड़े की चौकी हनुमान मंदिर कहा जाता है. इसका इतिहास मुगलकालीन समय का बताया जाता है. आइए इस मंदिर की कहानी आपको बताते हैं.आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में कई सालों तक मुगलों का राज रहा. आगरा किले से मुगलों की हुकूमत चलती थी. आगरा में कई प्राचीन ईमारत बनी हुई है. आगरा में मुगल इमारत के साथ कई प्राचीन मंदिर भी मौजूद हैं. ऐसा ही एक मंदिर है, जिसे लंगड़े की चौकी हनुमान मंदिर कहा जाता है. इसका इतिहास मुगलकालीन समय का बताया जाता है. मंदिर के पुजारी ने कहा कि पौराणिक कथाओं के अनुसार, मुगलकाल में यहां एक चौकी बनी हुई थी. बाहर से आने वाले माल को यहां चौकी पर चेक करके आगे भेजा जाता था.
पुजारी ने दावा किया कि यहां मुगलों का एक चौकीदार हुआ करता था. चौकीदार रामभक्त था. पुजारी ने बताया कि चौकीदार अपनी ड्यूटी छोड़कर जंगल में राम कथा सुनने जाया करता था. यह बात कोतवाल को पता चल गई और उसने बादशाह से चौकीदार की शिकायत कर दी. बादशाह खुद जब चौकी पर पंहुचा तो चौकीदार वहां नहीं मिला, जिससे बादशाह नाराज हो गया.
ऐसे दिखा मुगल बादशाह को चमत्कार
पुजारी ने दावा किया कि इस बात से बादशाह इतना नाराज हो गया कि उसने चौकीदार के पैर कटवाने का हुकुम जारी कर दिया. पुजारी के अनुसार, चौकीदार ने फिर भी रामकथा सुनना बंद नहीं किया. एक दिन फिर बादशाह चौकीदार को देखने गया तो दोनों जगह पर चौकीदार मौजूद था, जिसे देखकर बादशाह के होश उड़ गए. बादशाह ने चौकीदार से पूछा तो उसने कहा कि चौकी की रक्षा हनुमान जी कर रहे थे. तब जाकर मुगल बादशाह को चमत्कार का अहसास हुआ और वहां लंगड़े की चौकी और चौकीदार को हनुमान जी का सेवक बना दिया.
मुगलकाल से मशहूर है यह मंदिर
लंगड़े की चौकी हनुमान मंदिर के पुजारी महंत गोपी गुरु ने कहा कि इस मंदिर का इतिहास 500 से 600 वर्ष पूर्व मुगल काल से जुड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि यहां मुगलों की एक चौकी हुआ करती थी. चौकी पर मौजूद चौकीदार रामकथा सुनने का शौकीन था. इस बात से मुगल बादशाह नाराज थे और उसके पैर कटवा दिए थे. उसके बाद भी चौकीदार रामकथा सुनने जाता था, जिससे बादशाह नाराज थे. एक दिन बादशाह ने चौकीदार को एक साथ दोनों जगह देखा तो वह दंग रह गए. पूछने पर पता चला कि चौकी की रक्षा हनुमान जी कर रहे थे. बादशाह ने खुश होकर उस स्थान का नाम लंगड़े की चौकी रख दिया और उस चौकीदार को हनुमान जी की सेवा करने का मौका दे दिया.
चमत्कारी है हनुमान जी की मूर्ति
लंगड़े की चौकी हनुमान मंदिर के पुजारी महंत गोपी गुरु ने कहा कि इस मंदिर की मूर्ति बेहद चमत्कारी है. उन्होंने बताया कि जब भी हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना होती है तो उन्हें वानर रूप में स्थापित किया जाता है, लेकिन यहां की मूर्ति हनुमान जी के मनुष्य रूप की है. पुजारी ने कहा कि जब रावण वध के बाद श्री राम हनुमान जी को अपने साथ अयोध्या लेकर गए थे तो सबको रामजी मनुष्य उद्यान कराकर लेकर गए थे. उसी रूप में भगवान हनुमान आज यहां विराजमान हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर का कुछ ढांचा मुगलकाल का है, बाकि समय-समय पर भक्तों ने इसमें कार्य कराया है.About the Authorआर्यन सेठआर्यन ने नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई की और एबीपी में काम किया. उसके बाद नेटवर्क 18 के Local 18 से जुड़ गए.Location :Agra,Uttar PradeshFirst Published :December 24, 2025, 19:15 ISThomedharmभक्त के कटे पैर तो हुआ बजरंगबली का चमत्कार, आगरा के इस मंदिर की रहस्यमय कहानीDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

