Alzheimers is more than just memory loss it Is time we understand the silent struggle | मेमोरी लॉस से कहीं बढ़कर है अल्जाइमर डिजीज, मरीज करते हैं साइलेंट स्ट्रगल, केयरटेकर्स के लिए भी आसान नहीं

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Alzheimers is more than just memory loss it Is time we understand the silent struggle | मेमोरी लॉस से कहीं बढ़कर है अल्जाइमर डिजीज, मरीज करते हैं साइलेंट स्ट्रगल, केयरटेकर्स के लिए भी आसान नहीं



Alzheimer’s Disease: अल्जाइमर डिजीज (AD) दुनिया भर में डिमेंशिया का सबसे आम रूप है जो बुजुर्ग आबादी को अफेक्ट करता है. बढ़ती ओल्ड एज पॉपुलेशन के साथ, अल्जाइमर का खतरा लगातार बढ़ रहा है. हालांकि, AD के लक्षण अक्सर सालों पहले होने वाले ‘माइल्ड बिहेवियर इम्पेयरमेंट’ और ‘सब्जेक्टिव मेमोरी इम्पेयरमेट’ से पहले होते हैं. ये हल्के, हालांकि डेली एक्टिविटीज में इम्पेयरमेंट पैदा करने के लिए इतने गंभीर नहीं होते, लेकिन मरीजों को काफी परेशान करते है.
कैसे अफेक्ट करती है ये बीमारी?डॉ. प्रज्वल राव (Dr. Prajwal Rao), डीएम न्यूरोलॉजी, प्रोफेसर और हेड, डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोलॉजी, डॉ. डी. वाई. पाटिल मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, पिंपरी, पुणे ने बताया कि अल्जाइमर डिजीज का लक्षण दिखने वाला स्टेज खास तौर से हाल की मेमोरी लॉस से जुड़ा होता है, जबकि पुरानी या लॉन्ग टर्म यादें इसकी तुलना में कम अफेक्टेड रहती हैं. हालांकि, इन वेल नोन इम्पेयरमेंट के अलावा, AD के मरीज कई दूसरी परेशानियों से पीड़ित होते हैं.
मूड की बज जाती है बैंडअल्जाइमर डिजीज का एक अहम पहलू मूड डिस्टर्बेंस है. धीरे-धीरे बिगड़ती याददाश्त को लेकर अवेरनेस अक्सर डिप्रेशन और चिंता का कारण बनती है. जबकि ये शुरू में हल्का हो सकता है, ये अक्सर वक्त के साथ गंभीर हो जाते हैं. मरीज बेचैन और उत्तेजित हो सकते हैं, और कभी-कभी डेल्यूजन और हैलुसिनेशन भी डेवलप कर सकते हैं. देखभाल करने वालों को अक्सर अल्जाइमर डिजीज के इन पहलुओं को संभालना सबसे मुश्किल लगता है.
दूसरी बीमारियों को बढ़ा देती है ADबिगड़ते मेमोरी फंक्शन अक्सर पहले से मौजूद बीमारियों को और खराब कर देते हैं, क्योंकि मरीज अक्सर डायबिटीज और हाई बीपी जैसे दूसरे मेडिकल कंडीशन के लिए अपनी दवा लेना भूल जाते हैं, जिसके लिए ज्यादा मॉनिटरिंग की जरूरत होती है. मेमोरी के अलावा, अल्जाइमर डिजीज विजुओस्पेशियल फंक्शन के लॉस से जुड़ा है. ये घर के बाहर नेविगेट करने में दिक्कत के रूप में सामने आ सकता है, और एड्वांसिंग अल्जाइमर डिजीज वाले मरीजों के लिए घर का रास्ता भूल जाना अनकॉमन नहीं है. 
रूटीन वर्क में दिक्कतदूसरे कॉग्निटिव डिस्फंक्शन में प्लान बने,  संगठन बनाने, फैसला लेने और एब्स्ट्रेक्शन में दिक्कतों के साथ पैदा होती हैं. मरीजों को खाना पकाने, नहाने और मोबाइल फोन और टेलीविजन रिमोट जैसे गैजेट्स का इस्तेमाल करने जैसे रूटीन काम करना मुश्किल लगता है.
देखभाल करने वालों पर भी बढ़ता है बोझअल्जाइमर डिजीज के सबसे अनदेखे पहलुओं में से एक केयर करने वालों पर पड़ने वाला बोझ है, लगातार सुपरविजन, फिजिकल, इमोशनल और फाइनेंशियल हेल्प की जरूरत अक्सर केयर करने वालों पर नेगेटिव साइकोलॉजिकल इम्पैक्ट डालती है, खासकर अगर उस शख्स के साथ आपके गहरे इमोशनल बॉन्ड हों. इसलिए ये जरूरी है कि देखभाल करने वाले लोग अपनी रेगुलर स्लीप और भोजन के समय, एक्सरसाइज और मेडिटेशन को फॉलो का पालन करके अपनी सेहत का ख्याल रखें.
अवेरनेस की जरूरतअल्जाइमर डिजीज के मरीज अपनी जिंदगी में कई जद्दोजहद का सामना करते हैं जो उनकी डेली लाइफ के अलग-अलग पहलुओं को अफेक्ट करते हैं. इस बीमरी के साथ जीने वाले रोगियों के लक्षणों के साथ-साथ दिन-ब-दिन के संघर्ष के बारे में जागरूकता बढ़ाना वक्त की जरूरत है. मेडिकल सपोर्ट से परे, मरीजों और उनके परिवार न सिर्फ वर्कप्लेस से बल्कि बड़े समुदाय से भी सहानुभूति और सपोर्ट से फायदे हासिल कर सकते हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.



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