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Allopathic Doctor Vikas Kumar Comments on silent attack death of yoga guru Dr Pawan Singhal Death | योग गुरु की साइलैंट अटैक से मौत पर एलोपैथिक डॉक्टर का सवाल, योग और मेडिसिन में लड़ाई क्यों ?



Yogacharya Dr Pawan Singhal Death: योग को सेहतमंद रहने का एक बेहतरीन जरिया माना जाता है, लेकिन कोई ये तरीका अपनाने के बाद भी दिल की बीमारी का शिकार हो जाए, तो मन में ये सवाल जरूर पैदा होता है, कि आखिर कमी कहां रह गई. योगाचार्य डॉ. पवन सिंघल, जो हर किसी को सेहतमंद रहने का तरीका सिखाते थे, 54 साल की उम्र में उनका साइलेंट अटैक से निधन हो गया. ये मामला मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले का है.

क्या है पूरा मामला?गौरतलब है कि डॉ. पवन सिंघल एनिमल हसबेंडरी में सीनियर सर्जन थे. हमेशा की तरह वो देर रात 1 बजे जागे, स्नान किया. पूजा करने के बाद घर पर ही तकरीबन डेढ़ घंटे योग किया. ऐसा वो रोजाना करते थे. इसके बाद उन्होंने मंदिर तक पहुंचने के 3 किलोमीटर तक की रनिंग की. इसके बाद वो अपनी कार से योग की शिक्षा देने तुलसी सरोवर पार्क जाने लगे. तभी रास्ते में साइलेंट अटैक आया और उन्होंने सीट पर ही दम तोड़ दिया.

रिकॉर्डधारी योगगुरुडॉ. पवन सिंघल एक रिकॉर्डधारी योगाचार्य हैं, वो 11 घंटे में 100 किमी दौड़, 8 घंटे में 3600 सूर्य नमस्कार और 17 बार बल्ड डोनिशन का कीर्तिमान बना चुके हैं. वो हर दिन कई घंटों तक योग करते थे. इसके अलावा उनकी ऑनलाइन क्लासेज भारत के कई राज्यों कि सैकड़ों शिष्य जुड़ते थे
बैलेंस्ड डाइटडॉ. सिंघल बैलेंस्ड डाइट को तरजीह देते थे, एक महीने से उन्होंने चीनी और नमक का सेवन पूरी तरह बंद कर दिया था. उनके शिष्यों ने जानकारी दी कि नवरात्र के दौरान 10 दिनों तक वो सिर्फ नींबू पानी पीकर रहते थे. एक वक्त ऐसा आया था जब उन्होंने ड्राई फ्रूट और फल दोनों का सेवन रोक दिया था. वो विंटर्स में भी गर्म कपड़े नहीं पहनते थे और रात में महज 5 घंटे ही सोते थे.
“योग और मेडिसिन साथ क्यों नहीं चल सकते?”डॉ. पवन सिंघल की मौत ने हर किसी को हैरान कर दिया है, सोशल मीडिया पर खासकर कई डॉक्टर्स इसको लेकर अपने रिएक्शंस दे रहे हैं.  राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, रांची (Rajendra Institute of Medical Sciences, Ranchi) के न्यूरो एंड स्पाइन सर्जन डॉ. विकास कुमार (Dr. Vikas Kumar) ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “बहुत लोग जो योग करते हैं, वो एलोपैथिक मेडिसिन में यकीन नहीं रखते हैं या यूं कहे कि इसे नकार देते हैं. मैंने अपनी ओपीडी में कई लोगों को देखा है जिनकी बीपी और शुगर बहुत बड़ी हुई है और वो दवा छोड़कर सिर्फ योग के पीछे लगे हैं. सोचने वाला सवाल ये है कि क्या हम दोनों का प्रयोग कर के सेहतमंद नहीं रह सकते हैं ? योग और मेडिसिन में लड़ाई क्यों ?? दोनों का अपना अलग-अलग काम है.”
 
बहुत लोग जो योग करते हैं,वह एलोपैथिक मेडिसिन में विश्वास नहीं करते हैं या यू कहे कि इसे नकार देते हैं Iमैंने अपनी ओपीडी में कई लोगों को देखा है जिनकी BP और शुगर बहुत बड़ी हुई है और वे दवा छोड़कर सिर्फ योग के पीछे लगे हैं I
विचारणीय प्रश्न यह है कि क्या हम दोनों का प्रयोग कर के… pic.twitter.com/gLuoKlyjvZ
— Dr Vikaas (@drvikas1111) March 25, 2025
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.




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