सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: हिंदू पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष अक्षय नवमी 21 नवंबर को मनाई जाएगी. कई जगहों पर इसे आवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है. अक्षय नवमी का पर्व भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से साधक की सभी तरह की मनोकामना पूरी होती है.

ज्योतिष गणना के मुताबिक इस वर्ष अक्षय नवमी पर कई वर्षों बाद अद्भुत योग का निर्माण हो रहा है. अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि पंचांग के मुताबिक  कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष यह पर्व कल यानी 21 नवंबर को मनाया जाएगा. अक्षय नवमी तिथि की शुरुआत 21 नवंबर देर रात्रि 3:16 पर शुभारंभ होगा. जिसका समापन 22 नवंबर देर रात्रि 1 बजकर 9 मिनट पर समाप्त होगा.

अक्षय नवमी पर हर्षण योग का हो रहा है निर्माण

इतना ही नहीं इस बार अक्षय नवमी पर हर्षल योग का निर्माण हो रहा है. इस योग का निर्माण शाम 5:41 पर हो रहा है. इस वजह से अक्षय नवमी पर संध्या काल में ही पूजा आराधना की जाएगी. हर्षल योग के निर्माण में विधि विधान पूर्वक अगर भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाए तो जातक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है.इतना ही नहीं अक्षय नवमी पर बालव और कौलव करण का भी निर्माण हो रहा है. यह दोनों ही शुभ योग माने जाते हैं. इन दोनों योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से कई गुना की फल की प्राप्ति भी होती है.

नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष के मुताबिक है न्यूज़ 18 इसकी पुष्टि नहीं करता
.Tags: Astrology, Dharma Aastha, Hindi news, Local18, Religion 18, UP newsFIRST PUBLISHED : November 20, 2023, 16:30 IST



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