हाइलाइट्सअखिलेश की ओर से लिखे गए पत्र पर महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव कुछ भी कहने से किया इनकार. सदस्यता अभियान के तहत लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिए कहा.इटावा. समाजवादी पार्टी में चल रहे सत्तासंग्राम के बीच शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को लेकर सपा की लिखी गई चिट्ठी पर पार्टी के प्रमुख महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव ने चुप्पी साध ली है. उन्होंने साफ कहा है कि यह चिट्ठी राष्ट्रीय अध्यक्ष जी (अखिलेश यादव) की ओर से लिखी गई है इसलिए उनसे ही इस सिलसिले में बात करें. इटावा में प्रो. रामगोपाल यादव सिविल लाइन स्थित पार्टी कार्यालय पर सदस्यता अभियान की प्रगति समीक्षा करने पहुंचे थे.
इस दौरान जब शिवपाल सिंह यादव के लिए लिखी गई चिट्ठी पर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने मुस्कराते हुए इसे टाल दिया. उनका कहना था कि यह चिट्ठी अध्यक्ष जी ने लिखी है इसलिए अध्यक्ष जी से बात करें, वही सही से बता पाएंगे. रामगोपाल यादव इस चिट्ठी को लेकर भले ही अनभिज्ञता जता रहे हों लेकिन इस चिट्ठी की एक प्रति रामगोपाल यादव को भी भेजी गई थी. उन्होंने कहा कि जो सवाल उनसे पूछा जा रहा है, वह सवाल राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से पूछा जाना चाहिए कि क्यों पत्र जारी किया गया? शिवपाल यादव ने भी बीते शनिवार को अखिलेश यादव के पत्र के जवाब में सिर्फ ट्वीट किया लेकिन कुछ बोलने से इनकार कर दिया. सपा प्रमुख के पत्र पर नेताओं ने चुप्पी साध रखी है.
खास है सदस्यता अभियानरामगोपाल यादव सदस्यता अभियान कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओं को मजबूत सदस्य जोड़ने का आह्वान किया. दरअसल सदस्यता अभियान का कार्य किस स्तर पहुंचा है इसकी देखरेख करने के लिए वे पहुंचे थे. दस दिन पूर्व ही सपा कार्यालय से रामगोपाल ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा कि लोगों के घर-घर जाकर सपा से आम जनता को जोड़ने काम किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो पार्टी के लिए काम करेगा वही समाजवादी पार्टी पदाधिकारी बनेगा.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Akhilesh yadav, Etawah news, Samajwadi party, Shivpal YadavFIRST PUBLISHED : July 24, 2022, 21:32 IST
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Shivraj Patil’s last rites performed with state honours; Om Birla, Kharge present
In between, he was a member of the Maharashtra legislative assembly from Latur for two terms between 1972…

