Indian Cricket Team: भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों बदलाव के दौर से गुजर रही है. रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास के बाद टेस्ट टीम में कुछ खिलाड़ियों को जगह दी गई है तो कुछ की वापसी हुई है. इंग्लैंड दौरे के लिए स्क्वॉड का चयन हो चुका है. शुभमन गिल को कप्तान बनाया गया है. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान अजीत अगरकर सबसे ज्यादा चर्चा में रहे हैं. पिछले कुछ समय से वह टीम के चीफ सेलेक्टर हैं. उनकी चुनी हुई टीम ने टी20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी में जीत हासिल की. अब इंग्लैंड में बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद है.
अगरकर का करियर
अगरकर का क्रिकेट करियर शानदार रहा है. उन्होंने 26 टेस्ट और 191 वनडे मैच खेले. अगरकर 2027 में टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य भी थे. उनके नाम टेस्ट में 58 तो वनडे में 288 विकेट हैं. टी20 इंटरनेशनल में इस खिलाड़ी ने 3 विकेट लिए. अगरकर का प्रदर्शन वनडे फॉर्मेट में सबसे बेहतरीन रहा. टेस्ट में उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिला. वह बॉलिंग के साथ-साथ बैटिंग में भी कभी-कभी कमाल दिखा देते थे. टेस्ट में उनके नाम एक शतक भी है. उन्होंने वनडे में तीन अर्धशतक जड़े थे. शानदार स्टैट्स के बावजूद हर खिलाड़ी की तरह उनके करियर में एक दाग लगा था.
लॉर्ड्स में शतक
अगरकर के नाम लॉर्ड्स में एक टेस्ट शतक है, लेकिन उससे पहले उन्हें बल्ले से काफी संघर्ष करना पड़ा था. एक समय तो वह लगातार पांच पारियों में खाता भी नहीं खोल पाए थे. यह रिकॉर्ड कुछ ऐसा है जिसे खुद अगरकर कभी याद नहीं करना चाहेंगे. वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 1999 में बल्ले से बुरी तरह नाकाम रहे थे और खाता खोलने के लाले पड़ गए थे. हालांकि, गेंदबाजी में तीन टेस्ट में उन्होंने 11 विकेट लिए थे.
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1998 में टेस्ट डेब्यू
अगरकर ने 1998 में जिम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में टेस्ट डेब्यू किया था. इस मैच में वह कुल 9 रन बना पाए थे और 2 विकेट झटक सके थे. इसके बाद उन्हें अगले साल एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने का मौका मिला था. पहली पारी में 19 रन बनाने के बाद वह दूसरी पारी में शून्य पर आउट हुए थे. इस मैच में उन्होंने 5 विकेट लिए थे. इसके बाद मेलबर्न में उनका खाता दोनों पारियों में नहीं खुला. वह 6 विकेट लेने में जरूर कामयाब हुए थे.
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सिडनी टेस्ट में बल्ले-गेंद से नाकाम
इसके बाद साल बदला, लेकिन उनकी किस्मत नहीं. जनवरी 2000 में सिडनी टेस्ट में तो वह दोनों पारियों में जीरो पर आउट हुए और विकेट भी नहीं ले पाए. अगरकर का खाता एक महीने बाद साउथ अफ्रीका के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में खुला था. उन्होंने पहली पारी में नाबाद 41 रन बनाए थे.