Ajay Jadeja on Team India Experiments: टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ लगातार प्लेइंग-XI और बल्लेबाजी क्रम को लेकर प्रयोग कर रहे हैं. किसी खिलाड़ी के बल्लेबाजी क्रम में बदलाव हो या युवा खिलाड़ियों को मौका देना, पिछले कुछ वक्त से कई ऐसे प्रयोग देखने को मिले हैं. इस बीच भारत के पूर्व बल्लेबाज अजय जडेजा ने रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ के इतने ज्यादा प्रयोग करने को लेकर आलोचना की है.
एशिया कप में मिली हार के बाद आलोचना
भारतीय टीम यूएई में खेले गए एशिया कप-2022 के फाइनल तक में जगह बनाने में नाकाम रही थी. उसने सुपर-4 राउंड तक का सफर तय किया जहां पाकिस्तान और श्रीलंका ने भी उसे हराया. बाद में श्रीलंका ने पाकिस्तान को फाइनल में हराकर खिताब जीता. भले ही ‘मेन इन ब्लू’ ने इस साल सबसे छोटे फॉर्मेट में कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं हारी है, लेकिन एशिया कप 2022 के परिणाम को लेकर टीम मैनेजमेंट की आलोचना भी हुई. इसी लिस्ट में अजय जडेजा भी शामिल हो गए हैं. 
‘ऐसे भ्रम की स्थिति पैदा होती है’
पूर्व भारतीय बल्लेबाज अजय जडेजा ने क्रिकबज से कहा, ‘हर मैच के बाद केवल किसी को हटाने और टीम बदलने के बजाय प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए. यह केवल टीम में एक भ्रम की स्थिति पैदा करता है.’ उन्होंने साथ ही कहा कि टीम के भीतर भी मजबूत तौर पर बातचीत की जरूरत है. जडेजा ने आगे कहा, ‘जीत और हार खेल का हिस्सा हैं, लेकिन टीम संयोजन पर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए.’
मीडिया के सामने भी दिखे समन्वय
जडेजा ने आगे कहा, ‘अगर आप हर नतीजे के बाद टीम को बदलते रहते हैं तो भ्रम होगा, जो भारतीय क्रिकेट के साथ काफी पुरानी बात है. इससे बचा जा सकता है. मुझे पता है कि कप्तान और कोच के बीच समन्वय होगा, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि प्रेस के सामने भी नजर आए. ऐसा नहीं है कि हम कप्तान नहीं थे या हमने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की, कभी-कभी आपको प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ बातें कहनी पड़ती हैं क्योंकि वे महत्वपूर्ण हो सकती हैं लेकिन आपकी टीम जानती है कि आखिर ऐसा क्यों कहा गया. टीम के साथ आपकी आंतरिक बातचीत मजबूत होनी चाहिए और प्रेस के सामने उन चीजों को सही ठहराने की जरूरत नहीं होनी चाहिए.’
खिलाड़ियों के भी परिवार
उन्होंने कहा, ‘खेल में बार-बार चीजों को आजमाने और इसी तरह की अन्य टिप्पणियों के बारे में बयान नहीं होना चाहिए. आपको यह समझने की जरूरत है कि ये खिलाड़ी हैं और उनके पास भी परिवार हैं. जब वे उन्हें पढ़ते हैं तो … मीडिया के सामने, कप्तान और कोच दोनों को अपने बयानों पर कायम रहना चाहिए. टीम के अंदर, आप जितना चाहें बहस कर सकते हैं.’
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर



Source link