Uttar Pradesh

‘ऐसे लोगों के खिलाफ तो FIR होना चाहिए’, भगवान के चिह्नों की छपाई और गलत इस्तेमाल को लेकर भड़का संत समाज

मथुरा: यूपी के मथुरा का प्रसिद्ध मिठाई विक्रेता बृजवासी मिठाई वाले के पैकिंग के डिब्बे और टिशु पेपर पर कान्हा की मोर पंख और मुरली की बनी हुई. तस्वीरों से बृजवासी आहत हैं. संत समाज ने इसका विरोध किया है. संत समाज का कहना है कि इस तरह की हरकतें करने वाले व्यक्तियों पर प्रशासन लगाम लगाए. अगर नहीं मानते हैं, तो उनके ऊपर एफआईआर दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई करे.

एफआईआर दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई करे प्रशासन

द्वापर में भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी कंस का वध किया था, लेकिन कलयुग में उन्हीं कंस के अंश ने कृष्ण से बदला लेने के लिए जन्म लिया. यहां कृष्ण से किस तरह से बदला लिया जा रहा है, वह हम आपको बता रहे हैं. दौलत कमाली, शोहरत ककाली, भगवान श्री कृष्ण की बदौलत इन्होंने इज्जत कमा ली, लेकिन भगवान श्री कृष्ण के दिए हुए आशीर्वाद को यह किस तरह से अपने पैरों तले रौंद रहे हैं, यह किसी से छुपा नहीं है. जिस मिठाई वाले का हाथ भगवान श्री कृष्ण ने खुद पकड़ा था, वही मिठाई विक्रेता आज कृष्ण का अपमान करने से चूक नहीं रहा है.

मथुरा का प्रसिद्ध मिठाई विक्रेता बृजवासी को कहा जाता है. बृजवासी पेड़े के नाम के लिए जाना जाता है. वही उस नाम को मिट्टी में मिलाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. यह हम नहीं कह रहे हैं, यह बृजवासी पेड़े वाले की पैकिंग के सामानों पर छपी हुई आकृति खुद अपने आप का दर्द बयां कर रही है.

टिशू पेपर से लोग पोछ रहे मुंह

टिशू पेपर हो या पैकिंग का कोई भी सामान, बृजवासी ने सभी पर भगवत चिन्ह यानि भगवान श्री कृष्ण के मोर पंख और बांसुरी छापे हुए हैं. यहां आने वाले व्यक्ति जब खाना खाते हैं, तो उसी टिशू पेपर से अपना मुंह पोछते हैं. मुंह साफ करने के साथ-साथ इस टिश्यू पेपर को जूठी थाली या डस्टबिन में फेंक दिया जाता है. भगवान श्री कृष्ण का यह मोर पंख और बांसुरी खुद शर्म से पानी-पानी हो रहा है. वह इस कलयुग के कंस से कैसे बचे. यह भगवान श्री कृष्ण के उन चिन्ह का अपमान नहीं, बल्कि संपूर्ण बृजवासियों का अपमान है.

बृजवासी मिठाई वाले को संतों की चेतावनी

प्रसिद्ध मिठाई विक्रेता बृजवासी की पैकिंग के समान और टिशू पेपर पर बने हुए मोर पंख और बांसुरी को लेकर जब वृंदावन की संतों से बातचीत की गई, तो लोकल 18 से बातचीत के दौरान वृंदावन के संतों में आक्रोश फैल गया. उन्होंने बृजवासी पेड़े के मालिक को खरी खोटी सुना डाली. वृंदावन के संत फूलडोर दास महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के चिन्ह का अपमान ब्रज वासियों का अपमान है. इस तरह की कोई भी भगवान से जुड़ी हुई चीज खाने-पीने की वस्तुओं और टिशू पेपरों पर नहीं होनी चाहिए.

दुकान मालिकों पर  FIR की मांग

उन्होंने कहा कि प्रशासन को ध्यान देना चाहिए कि इस तरह की चीजों को वह किसी भी प्रतिष्ठा के मालिक को छापने ना दें. अगर दुकान मालिक नहीं मानता है, तो उसके ऊपर एफआईआर दर्ज कराई जाए. वृंदावन के संतों में गुस्सा है और बृजवासी पेड़े वाले के मालिक को उन्होंने चेतावनी दे डाली. संत अजय रामदास और राधेस्वरूप महाराज ने भी अपना आक्रोश व्यक्त किया.

उन्होंने कहा कि इस तरह की मूर्ख व्यक्ति को ब्रज में रहने का कोई अधिकार नहीं है. भगवान श्री कृष्ण की अति प्रिय चीज बांसुरी और मोर पंख को अगर वह इस तरह से अपने प्रतिष्ठा को बेचने में उपयोग कर रहा है, तो हम उसका विरोध करते हैं. प्रशासन से अपील करते हैं कि जल से जल्द भगवत स्वरूप बृजवासी मिठाई वाले के डिब्बे और पैकिंग के समान से हटवा दिए जाए.

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