रिपोर्ट- विशाल भटनागर
मेरठ. हर साल देखा जाता है कि ठंड शुरू होते ही वायु में प्रदूषण की मात्रा अधिक हो जाती है. हवा इतनी जहरीली हो जाती है कि आमजन को सांस लेने में भी दिक्कत होती है. कुछ इसी तरह का नजारा अबकी बार भी देखने को मिल रहा है. प्रदूषण स्तर की बात करें तो 300 से 350 के बीच AQI देखने को मिल रहा है. इस वजह से लोगों की आंखों में जलन हो रही है. वहीं, प्रदूषण सांस के रोगियों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका है .
टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट की बात की जाए तो ओपीडी में मरीजों की संख्या डबल हो गई है. जहां पहले 100 से 150 मरीज प्रतिदिन अपनी समस्याओं को लेकर पहुंच रहे थे. अब हालात यह है कि 300 से 400 मरीज प्रतिदिन ट्रीटमेंट कराने के लिए पहुंच रहे हैं. इतना ही नहीं अगर इमरजेंसी सेवाओं की बात की जाए तो मरीजों के ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए भी अब ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग करना पड़ रहा है.
यह है प्रमुख कारणदरअसल नाइट्रोजन, डाईऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड, ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड, अमोनिया पेड़ पत्तों पर जमी धूल, फूलों के प्रांगण में पलने वाले बैक्टीरिया और फंगस वाले जानवरों में संपर्क आने के कारण सांस के मरीजों को अनेकों प्रकार की दिक्कत होती हैं. इतना ही नहीं कई बार अटैक पड़ने की भी संभावनाएं प्रबल हो जाती है.
इन बातों का रखें विशेष ध्यानNews 18 local से खास बातचीत करते हुए मेरठ मेडिकल कॉलेज के टीबी एवं चेस्ट डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष अडॉक्टर संतोष कुमार मित्तल ने कहा कि प्रदूषण स्तर बढ़ने के कारण मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. ऐसे में अगर किसी को भी सांस संबंधी कोई भी परेशानी हो तो वह जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें. इसी के साथ ही साथ बचाव में मास्क का अधिक से अधिक उपयोग करें.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Air pollution, Air Pollution AQI Level, Meerut news, UP newsFIRST PUBLISHED : November 03, 2022, 18:11 IST
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Referring to the appointment of a former Uttar Pradesh Director General of Police as the chairman of the…

