Health

Air Pollution Hits Mental Health Depression Stress tension Neuro degeneration Suicidal behaviour Delhi AQI | Air Pollution: प्रदूषित हवा मेंटल हेल्थ को कर रही है खराब, दिल्ली हेल्थ डिपार्टमेंट ने चेताया



Air Pollution Hits Mental Health: पूरे भारत में एयर पॉल्यूशन एक बड़ा मुद्दा बनते जा रहा है, दिल्ली हेल्थ डिपार्टमेंट ने कहा है कि वायु प्रदूषण की वजह से मेंटल हेल्थ पर काफी बुरा असर पड़ रहा है, ये खासकर एंग्जायटी का कारण बनता जा रहा है, हालांकि अभी इसको लेकर कुछ और इंडिया सेंट्रिक स्टडीज की जरूरत है. 
खराब हवा से मेंटल हेल्थ पर बुरा असरदिल्ली सरकार में हेल्थ और फैमिली डिपार्टमेंट के डिप्टी सेक्रेट्री ने टीओआई को कहा, “भारत में, जहां तेजी से बढ़ते औद्योगीकरण और शहरीकरण ने प्रदूषण में इजाफा किया है, ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य के प्रभावों को समझना खास तौर से जरूरी है.  एयर पॉल्यूटेंट, हेवी मेटल, हेवी मेटल और साउंड पॉल्यूशन सहित अलग-अलग तरह के पर्यावरण प्रदूषण के संपर्क में आने से मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर, जैसे कि एंग्जायटी, मूड और साइकोटिक सिंड्रॉम में वृद्धि हो सकती है, जिनमें डायरेक्ट बायोलॉजिकल इफेक्ट और स्ट्रेस रिलेटेड इम्पैक्ट दोनों शामिल हैं.”
रिपोर्ट में विभिन्न जर्नलों के कई अध्ययनों का हवाला दिया गया, जिनमें पाया गया कि उच्च-स्तरीय वायु-प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में डिप्रेशन के डाइग्नोज होने की संभावना दोगुनी थी या चिंता, चिड़चिड़ापन और बेचैनी के लक्षणों का अनुभव होने की अधिक संभावना थी.
बढ़ सकता है स्ट्रेस
एनवायर्नमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव्स के मुताबिक, “अगर आप वायु प्रदूषण के ज्यादा संपर्क में हैं तो इससे स्ट्रेस हॉर्मोंस बढ़ सकते हैं, ऐसे में सोचने की क्षमता, मेमोरी और लर्निंग पर बुरा असर पड़ सकता है.  हाई लेवल ऑफ एयर पॉल्यूशन वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में साइकोसिस के डाग्नोसिस होने की सबसे अधिक संभावना थी, ये एक मेंटल डिसऑर्डर है जो वास्तविकता से जुड़ाव खोने का कारण बनता है.” इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऊंची इमारतों में रहना, खराब गुणवत्ता वाले घर और तेज बाहरी शोर जैसे फैक्टर्स इसे और बढ़ा सकते हैं.”

रिपोर्ट में बताया गया कि वायु प्रदूषण से सब्जेक्टिव वेल बीइंग (Subjective well-being) में काफी कमी आती है, जिससे घबराहट, डिप्रेशन और बेचैनी की संभावना बढ़ जाती है. वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से कई न्यूरोबायोलॉजिकल (Neurobiological) परिवर्तन होते हैं, जैसे कि सूजन (Inflammation) में वृद्धि, न्यूरो डिजेनरेशन (Neuro degeneration) और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (Oxidative stress) वगैरह.
इमोशनल प्रॉब्लम्स का खतरा
वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम की रिपोर्ट तो यहां तक कहती है, “प्रदूषण के संपर्क में आने वाले इंसान मस्तिष्क के उन क्षेत्रों में परिवर्तन का अनुभव करते हैं जो भावनाओं को नियंत्रित करते हैं.” एक अन्य रिसर्च के अनुसार, “प्रदूषित हवा में सांस लेने वाले बच्चों और किशोरों में अवसाद (Depressive symptoms) के लक्षण दिखाई देते हैं और उनमें आत्महत्या (Suicidal behaviour) का जोखिम अधिक होता है.”
 



Source link

You Missed

Former TMC MP Mimi Chakraborty appears before ED in betting app case
Top StoriesSep 15, 2025

पूर्व टीएमसी सांसद मिमी चक्रवर्ती बेटिंग ऐप मामले में ईडी के सामने पेश हुईं

नई दिल्ली: मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत…

RSS-associated Bharatiya Kisan Sangh protests against farmers' issues across Madhya Pradesh
Top StoriesSep 15, 2025

आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने मध्य प्रदेश में किसानों के मुद्दों के खिलाफ विरोध किया है।

राज्य भर में किसानों के मुद्दों पर बीकेएस के प्रदर्शन तीन दिन पहले ही हुए थे जब विपक्षी…

Scroll to Top