कैंसर एक जानलेवा बीमारी है. हालांकि लोकेशन के आधार पर इसका इलाज ज्यादा या कम मुश्किल हो सकता है, जो इसके सर्वाइवल रेट को प्रभावित करता है. कई सारे कैंसर केवल इसलिए जानलेवा बने हुए हैं, क्योंकि उन्हें पहले स्टेज पर पहचानने में बहुत देरी हो जाती है. ऐसा कई बार संकेतों के न दिखने के कारण और ब्लड टेस्ट के मूल्यांकन में गलती के कारण हो सकता है. ऐसे में निदान में देरी कैंसर से लड़ाई को मुश्किल बना सकती है. ऐसे में अमेरिकी वैज्ञानिकों की ये स्टडी उम्मीद की एक नई किरण की तरह नजर आती है.
अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम ने पता लगाया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मरीज की आवाज से लेरिंक्स या वाइस बॉक्स कैंसर का पता शुरुआती स्टेज में लगाने में मदद कर सकता है. वॉइस बॉक्स कैंसर एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है जो कई लोगों को प्रभावित करती है. 2021 में दुनिया भर में वॉइस बॉक्स कैंसर के अनुमानित 11 लाख मामले सामने आए और लगभग 1,00,000 लोगों की इससे मृत्यु हुई.
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क्या है वाइस बॉक्स कैंसर
लैरिंजियल कैंसर वाइस बॉक्स में शुरू होता है. इसके लक्षणों में आवाज में बदलाव, जैसे कि कर्कश आवाज बैठना, गले में खराश या लगातार खांसी शामिल है. यह कैंसर धूम्रपान, शराब का ज्यादा सेवन और ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के इंफेक्शन जैसे जोखिम कारकों के कारण होता है. वॉइस बॉक्स कैंसर का निदान, इलाज के बाद पांच वर्षों में 35 प्रतिशत से 78 प्रतिशत तक जीवित रहने की संभावना रखता है, जो ट्यूमर के चरण और स्वरयंत्र में उसके स्थान पर निर्भर करता है.
AI की मदद से पहले स्टेज पर कैंसर का निदान
ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि एआई का प्रयोग करके आवाज की ध्वनि से स्वर की असामान्यताओं का पता लगाया जा सकता है. इस तरह के ‘वोकल फोल्ड लिजन्स’ नुकसानदायक नहीं भी हो सकते हैं, जैसे गांठ या पॉलीप्स, लेकिन ये स्वरयंत्र कैंसर के शुरुआती स्टेज का भी संकेत हो सकते हैं. फ्रंटियर्स इन डिजिटल हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित शोध पत्र में कहा गया है कि ये परिणाम एआई के एक नए अनुप्रयोग के द्वार खोलते हैं. मतलब वॉइस बॉक्स कैंसर के शुरुआती चेतावनी चरणों को ध्वनि रिकॉर्डिंग से पहचाना जा सकता है.
एक्सपर्ट ने क्या कहा
ओरेगन में क्लिनिकल इंफॉर्मेटिक्स के पोस्टडॉक्टरल फेलो डॉ. फिलिप जेनकिंस ने कहा कि इस डेटासेट के साथ हम वोकल बायोमार्कर का उपयोग करके वोकल फोल्ड लिजन्स वाले मरीजों की आवाजों को ऐसे घावों से रहित मरीजों की आवाजों में अंतर कर सकते हैं. अध्ययन में, जेनकिंस और उनकी टीम ने उत्तरी अमेरिका के 306 प्रतिभागियों की 12,523 ध्वनि रिकॉर्डिंग के साथ स्वर, पिच, वॉल्यूम और स्पष्टता में भिन्नताओं का विश्लेषण किया.
आवाज से कैंसर की पहचान
इस स्टडी में रिसर्चर्स ने आवाज की कुछ खास विशेषताओं पर ध्यान दिया. उन्होंने पाया कि जिन पुरुषों को कोई आवाज की समस्या नहीं थी, जिन्हें वोकल कॉर्ड में गांठें थीं, और जिन्हें गले का कैंसर था, उनकी आवाज के हार्मोनिक-टू-नॉइज रेशियो और फंडामेंटल फ्रीक्वेंसी में साफ अंतर थे. हालांकि, महिलाओं में उन्हें आवाज की कोई खास विशेषता नहीं मिली जिससे जानकारी मिल सके. शोधकर्ताओं ने अंत में कहा कि हार्मोनिक-टू-नॉइज रेशियो में बदलाव वॉइस बॉक्स के कैंसर को शुरुआती स्टेज में पता लगाने में मददगार साबित हो सकता है.
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