AI led innovation driving growth in India Medical radiology sector Report | AI के जरिए रेडियोलॉजी का क्यों बढ़ रहा इस्तेमाल? जानिए मरीजों को कैसे होगा फायदा

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AI led innovation driving growth in India Medical radiology sector Report | AI के जरिए रेडियोलॉजी का क्यों बढ़ रहा इस्तेमाल? जानिए मरीजों को कैसे होगा फायदा



AI in Radiology: 9 मई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में डायग्नोस्टिक रेडियोलॉजी डिवाइसेस को अपनाने में जबरदस्त इजाफा देखा जा रहा है, जिसमें एआई-पावर्ड टेक्नोलॉजी और रिमोट मॉनिटरिंग सॉल्यूशंस को तेजी से अपनाने में बड़ी तेजी आई है. टेक इनेबल्ड मार्केट फर्म वनलैटिस की रिपोर्ट ने इस इजाफा का क्रेडिट बढ़ती बीमारी के बोझ और हेल्थकेयर के बुनियादी ढांचे में बढ़े हुए निवेश को भी दिया.
रेडियोलॉजी डिवाइसेज का यूज बढ़ारिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 1.48 लाख रेडियोलॉजी डिवाइसेज रिजेस्टर्स हैं, जिसमें महाराष्ट्र (20,590), तमिलनाडु (15,267) और उत्तर प्रदेश (12,236) सबसे आगे हैं. ये आंकड़े शहरी केंद्रों से परे भी डायग्नोस्टिक के मॉडर्नाइजेशन और डिजिटलाइजेशन की बढ़ते ट्रेंड को बयां करते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?वनलैटिस के हेल्थकेयर और लाइफसाइंसेज के डायरेक्टर संजय सचदेवा ने कहा, “रेडियोलॉजी हॉस्पिटल-बेस्ड स्पेशियलिटी से प्राइमकी और प्रिवेंटिव केयर के बेस के तौर विकसित हो रही है. एआई, पोर्टेबिलिटी और रिमोट मॉनिटरिंग का अनलॉकिंग एक्सेस को खोल रहा है, सटीकता में सुधार कर रहा है और भारत के हेल्थकेयर सिस्टम में डायग्नोस्टिक्स की डिलिवरी को नया शेप दे रहा है.”
एआई की मददरेडियोलॉजी का असर एआई-पावर्ड रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग (RPM) द्वारा और बढ़ जाता है, जो रिमोट हेल्थ मॉनिटरिंग के जरिए रियल टाइम ट्रैकिंग को सक्षम करता है और बार-बार निजी तौर पर आने की जरूरत को कम करता है. ग्लोबल लेवल पर, रेडियोलॉजी डिवाइस बाजार मजबूत विकास के लिए तैयार है. वैश्विक बाजार के 2025 में 34 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक 43 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 5 फीसदी की सीएजीआर को दर्शाता है.
रेडियोलॉजी डिवाइस का बाजारदूसरी तरफ, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रेडियोलॉजी डिवाइस मार्केट वित्त वर्ष 2025 में 7.1 बिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2030 तक 13.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने के लिए तैयार है, जो 10 फीसदी की सीएजीआर के साथ ग्लोबल ग्रोथ से आगे निकल जाएगा. ग्रोथ ड्राइवर में डिजिटल रेडियोग्राफी और अल्ट्रासाउंड में तकनीकी प्रगति; कैंसर और दिल से जुड़ी बीमारियों जैसी क्रोनिक डिजीज में इजाफा; आयुष्मान भारत और नेशनल डिजिटलहेल्थ मिशन (एनडीएचएम) जैसी सरकारी योजनाएं शामिल हैं.
मरीजों को फायदाजैसे-जैसे भारत में हेल्थकेयर डिलिवरी ज्यादा डिसेंट्रलाइज्ड और टेक ड्रिवेन होता जा रहा है, वक्त पर और सटीक डायग्नोसिस के जरिए आउटकल लाने में रेडियोलॉजी केंद्रीय भूमिका निभाएगी. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र को अभी भी उन्नत उपकरणों की ज्यादा कीमत, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच असमान पहुंच और विकिरण जोखिम से संबंधित चल रही चिंताओं सहित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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