उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दुरुपयोग करके अपराधियों ने करोड़ों रुपये की ठगी की है.
पुलिस ने बताया कि आरोपी विजय सैनी ने अपने साथियों बिंदादीन कुशवाहा और विकास राजौलिया के साथ मिलकर खनिज विभाग की वेबसाइट upmines.updsc.gov.in से मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट www.upmines-upsdc.gov.ink बनाई और इस पर ई-ट्रांजिट पास जारी करने का खेल शुरू कर दिया.
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने स्वाट, साइबर सेल और सर्विलांस टीम के साथ संयुक्त कार्रवाई कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उनके कब्जे से 1206 बिना प्रिंटेड खनिज परिवहन प्रपत्र, 1532 फर्जी रॉयल्टी, 11 जाली सिक्योरिटी पेपर, एक लैपटॉप, एक प्रिंटर, चार एंड्रॉइड मोबाइल और 1.10 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं.
पुलिस अधीक्षक प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपियों के लैपटॉप से 10 हजार से अधिक फोल्डर मिले हैं, जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. जांच में सामने आया कि ये शातिर पट्टा धारकों के आईडी, पासवर्ड और सिक्योरिटी पेपर की जानकारी मुनीमों से साठगांठ कर प्राप्त करते थे और फिर बारकोड स्कैनिंग लिंक में छेड़छाड़ कर फर्जी रॉयल्टी तैयार करते थे. यह रॉयल्टी ठेकेदारों और बिचैलियों के जरिए कार्यदायी संस्थाओं को दी जाती थी, जो इन्हें सरकारी बिलों में लगाकर भुगतान प्राप्त करते थे.
SP के अनुसार, आरोपी AI की मदद से 5 से 10 मिनट में यह जांच लेते थे कि किन प्रपत्रों का उपयोग नहीं हुआ है और फिर उन्हीं की हूबहू नकली रॉयल्टी तैयार कर देते थे. इस फर्जीवाड़े में 6 अन्य आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है. पुलिस ने ऐसे कई कार्यदायी संस्थाओं की पहचान की है जिनके खिलाफ जिलाधिकारी द्वारा नोटिस भी जारी किए गए हैं.