Uttar Pradesh

Agriculture News: फसल से दोगुना मुनाफा चाहिए? गर्मियों में खेतों की इस तरह करें जुताई और पाएं बंपर उत्पादन!

Last Updated:May 07, 2025, 19:13 ISTAgriculture News: गर्मी में गहरी जुताई से मिट्टी की सेहत सुधरती है, खरपतवार और कीटों से राहत मिलती है. डॉ. धीरेंद्र सिंह के अनुसार, इससे नाइट्रोजन बढ़ती है और फसल उत्पादन बेहतर होता है.X

गर्मियों में करें खेतों की जुताई हाइलाइट्सगर्मी में गहरी जुताई से मिट्टी की सेहत सुधरती है.गहरी जुताई से खरपतवार और कीटों से राहत मिलती है.गहरी जुताई से मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है.शाहजहांपुर: गेहूं की फसल कटने के बाद अगर आप अगली फसल में बेहतर पैदावार चाहते हैं, तो खेत की गहरी जुताई जरूर करें. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गर्मियों में की गई गहरी जुताई से न सिर्फ मिट्टी की सेहत सुधरती है, बल्कि खरपतवारों और कीटों से भी राहत मिलती है. इससे पानी की बचत होती है और फसल का उत्पादन भी बेहतर होता है.

गहरी जुताई से मिट्टी को मिलती है धूप और हवाउप निदेशक कृषि डॉ. धीरेंद्र सिंह ने बताया कि गर्मियों में खेत की गहरी जुताई करने से मिट्टी में सूर्य की रोशनी और हवा का अच्छा संचार होता है. तेज गर्मी में मिट्टी के अंदर तक धूप पहुंचती है, जिससे खरपतवारों के बीज और हानिकारक कीट-मकोड़े खत्म हो जाते हैं. साथ ही, मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ती है, जिससे अगली फसल को पानी की सही मात्रा मिलती है और खरपतवारों का उगना कम हो जाता है.

कीटों के अंडे होते है खत्मगर्मी में की गई गहरी जुताई कीट नियंत्रण में भी कारगर है. जैसे टिड्डी अपने अंडे मिट्टी की गहराई में देती है और बारिश के बाद ये अंडे विकसित हो जाते हैं. लेकिन जुताई से ये अंडे ऊपर आ जाते हैं, जिन्हें पक्षी खा जाते हैं या फिर तेज धूप से खुद-ब-खुद नष्ट हो जाते हैं. बहुवर्षीय खरपतवारों की जड़ें मिट्टी में काफी गहराई तक फैली होती हैं. अगर गर्मी में दो से तीन बार गहरी जुताई की जाए, तो ये खरपतवार जड़ से खत्म हो जाते हैं. इसके लिए पलटा हल या डिस्क हैरो का इस्तेमाल करना चाहिए.

मिट्टी में बढ़ती है नाइट्रोजन की मात्रागहरी जुताई से मिट्टी की ऊपरी परत खुल जाती है और उसमें हवा का प्रवाह बढ़ता है. सूर्य की किरणें जब मिट्टी के अंदर तक पहुंचती हैं, तो जैविक पदार्थ नाइट्रेट में बदलने लगते हैं. इससे मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है, जो फसल के लिए बेहद फायदेमंद होती है. गर्मी में करीब 15 सेंटीमीटर गहराई तक जुताई करनी चाहिए. अगर खेत का ढलान पूरब से पश्चिम की ओर है, तो जुताई उत्तर से दक्षिण दिशा में करें. इससे बारिश के समय पानी खेत में रुकता है और मिट्टी का कटाव भी नहीं होता. खासकर ऊंचे-नीचे खेतों में ढलान के विपरीत दिशा में जुताई करना ज्यादा फायदेमंद रहता है.
Location :Shahjahanpur,Uttar Pradeshhomeagricultureगर्मियों में खेतों की इस तरह करें जुताई और पाएं बंपर उत्पादन!

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