मुरादाबाद: खेती अब सिर्फ पुरुषों तक सीमित नहीं रही. एक महिला किसान ने ऑर्गेनिक हल्दी की खेती से न सिर्फ आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है, बल्कि कम लागत में तगड़ा मुनाफा भी कमा रही हैं. उनकी मेहनत और नई सोच अब कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई है.
ऐसी ही एक महिला किसान ने अपनी मेहनत और समझदारी से खेती में सफलता की नई कहानी लिखी है. इस महिला ने ऑर्गेनिक हल्दी की खेती करके आत्मनिर्भर बनने का सपना साकार किया है. उनकी हल्दी पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से तैयार की जाती है और इसकी बाजार में खूब मांग है. इस खेती से उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है और अब वे अपने परिवार का पालन-पोषण आत्मनिर्भर होकर कर रही हैं.
इस महिला किसान की मेहनत ने न सिर्फ उनकी जिंदगी बदली है बल्कि गांव की कई अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया है कि वे खेती के क्षेत्र में आगे बढ़ें. ऑर्गेनिक हल्दी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, यही वजह है कि आज इसकी डिमांड तेजी से बढ़ रही है.
ऑर्गेनिक हल्दी की खेती महिला किसान हितेष चौधरी ने शुरू की है. वे “सुगंधा” वेरायटी की ऑर्गेनिक हल्दी का उत्पादन करती हैं. पहले वे खुद इसकी ऑर्गेनिक खेती करती हैं और फिर तैयार हल्दी को बाजार में बेचती हैं. उन्होंने बताया कि इस हल्दी की मांग पूरे देश में बढ़ रही है. खासतौर पर दिल्ली से इसकी सबसे ज्यादा डिमांड आती है.
हितेष चौधरी ने बताया कि उन्होंने अपने आसपास के अन्य किसान साथियों को भी इस खेती से जोड़ा है. कई किसान ऐसे बागों में हल्दी उगा रहे हैं जहां पहले कोई अन्य फसल नहीं होती थी. अब ये किसान मल्टीक्रॉपिंग के जरिए उसी जमीन से बेहतर उत्पादन ले रहे हैं.
कम लागत में ज्यादा मुनाफा हितेष चौधरी कहती हैं कि हल्दी की खेती सबसे खास इसलिए है क्योंकि यह कम लागत में तैयार हो जाती है. इसमें किसी रासायनिक खाद या कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया जाता. पूरी फसल जैविक तरीके से उगाई जाती है. आजकल लोग ऑर्गेनिक उत्पादों के प्रति जागरूक हो रहे हैं, यही वजह है कि उनकी ऑर्गेनिक हल्दी की खूब बिक्री होती है.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनकी हल्दी की सबसे ज्यादा सप्लाई दिल्ली और मुरादाबाद मंडल के कई इलाकों में की जा रही है. कम मेहनत, कम लागत और लगातार बढ़ती मांग ने इस खेती को बेहद फायदेमंद बना दिया है.


 
                 
                 
                