आगरा. अधिकतर बच्चों को गणित के कठिन सवालों से शिकायत रहती है. कई सारे बच्चे उस में रुचि नहीं रखते हैं और इस विषय से दूर भागते हैं, लेकिन आगरा-फतेहाबाद रोड स्थित द इंटरनेशनल स्कूल में ऐसे बच्चों को गणित में दिलचस्पी जगाने के लिए एक नई लैब की शुरुआत की है. इस लैब को ‘मैथमेटिक्स लैब’ नाम दिया गया है, जिसमें बच्चों को मौके पर प्रैक्टिकल करके गणित के कठिन सवालों को बेहद आसान बनाकर सिखाया जा रहा है.इस मुहिम के पीछे स्कूल के प्रिंसिपल सौमित्र सिंह ठाकुर की सोच है. कोविड-19 के दौरान बच्चों की ऑफ़लाइन क्लास से दूरी हो जाने के कारण बच्चे गणित में कमजोर होते गए थे. ऐसे बच्चों को आगे लाने के लिए उन्होंने यह स्मार्ट लैब का अनोखा तरीका अपनाया है, जहां पर बच्चों को रटाया नहीं बल्कि मौके पर प्रैक्टिकल कराया जाता है. अब बच्चे भी बेहद उत्साह के साथ मैथ्स की क्लास में हिस्सा ले रहे हैं. अब इस स्कूल के बच्चे उंगलियों पर गणित की बड़ी से बड़ी गुत्थी को मिनटों में सुलझा देते हैं.यहां छात्र उंगलियों पर सुलझाते हैं गणितभारत के प्रमुख गणितज्ञों में से एक श्रीनिवास आयंगर रामानुजन के जन्मदिवस को हम मैथमेटिक्स दिवस के रूप में मनाते हैं, जिन्होंने पूरे विश्व को गणित की गणनाओं और सूत्रों से चौंकाया था. उनका सपना था कि भारत के बच्चे भी गणित को उंगलियों पर सुलझाएं. उनके इसी सपने को लेकर आगरा के फतेहाबाद रोड बमरौली कटारा स्थित द इंटरनेशनल स्कूल ने छात्रों के लिए स्कूल में एक उन्नत गणित लैब का निर्माण किया है, जहां छात्रों को प्रैक्टिकल के माध्यम से गणित की गणनाओं और सूत्रों का सार समझाया जाता है. इस स्कूल में छात्र कृत्रिम चतुर्भज, त्रिभुज और शंकु के माध्यम से उसका क्षेत्रफल, घनत्व इत्यादि मिनटों में उंगली पर समझा देते हैं.चित्रण पद्धति की लेते हैं मददद इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य सौमित्र सिंह ठाकुर का कहना है कि हम स्कूली छात्रों को एक चित्रण पद्धति की मदद से गणनाओं और सूत्रों को समझाते हैं, जिससे छात्रों को गणित विषय समझने में आसानी होती है. गणित का उद्गम भारत देश से हुआ था. आर्यभट्ट ने सर्वप्रथम पूरे विश्व को शून्य का महत्व बताया था. इसी गुरुकुल परम्परा को हमारा स्कूल अपनाकर छात्रों के भविष्य को संवारने का एक छोटा सा प्रयास कर रहा है.गणित से डरते थे छात्र, अब गणित से करते हैं प्यारद इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा श्री का कहना है कि उन्हें गणित पहले बहुत कठिन लगती थी लेकिन स्कूल ने छात्रों के लिए एक उन्नत गणित लैब का निर्माण किया. पढ़ाने के तरीके को बदला, जिससे अब गणित सिर्फ न समझ आती हैं बल्कि अब हम गणित से प्यार भी करने लगे हैं. वहीं दूसरी छात्रा रिद्धि गुप्ता का कहना है कि गणित उनका पहले कमजोर विषय था, जिसकी वजह से परिजनों और टीचर्स की डांट भी पड़ती थीं, लेकिन अब मैथ्स लैब की मदद से पढ़ने पर गणित को सुलझाना बहुत आसान हो गया है, जिससे अब डांट नहीं पड़ती और अब उनकी गणित विषय पर अच्छी पकड़ हो गई है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : December 25, 2022, 17:02 IST
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