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लोक सभा के बाद, राज्यसभा ने पैन मसाला इकाइयों पर कर लगाने वाले बिल को मंजूर किया है।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर संघीय कर (GST) के प्रभाव को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नया कर प्रस्ताव पेश किया है, जिसका उद्देश्य कागज़ के उत्पादन की क्षमता को बढ़ावा देना है।

इस नए कर को पैकिंग मशीनों की क्षमता और उत्पादों के ग्रामेज़ (grammage) से जोड़ा गया है। इसका उद्देश्य एक स्पष्ट और भविष्यवाणी योग्य आकलन आधार प्रदान करना है। यह कर वास्तविक उत्पादन पर नहीं, बल्कि उत्पादन क्षमता पर लगाया जाएगा, जिससे कंपनियों को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।

हालांकि, विपक्षी सांसदों ने इस बिल के शीर्षक को मिलाने के तरीके पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस बिल को एक पार्लियामेंट्री पैनल को भेजने की मांग की है, ताकि इसकी गहराई से जांच की जा सके। कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने इस बिल के शीर्षक पर सवाल उठाए और कहा कि इस बिल को समय पर नहीं दिया गया, जिससे सदस्यों को इसके माध्यम से संशोधन करने का समय नहीं मिला।

तृणमूल कांग्रेस सांसद साकेत गोखले ने भी इस बिल के शीर्षक पर सवाल उठाए और कहा, “यदि आप समावेशी होना चाहते हैं, तो शायद बंगाली भाषा में एक बिल लाने का विचार करें, क्योंकि बंगाल के चुनाव आ रहे हैं। हम भी इसका जश्न मनाएंगे।”

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