संजय यादव/बाराबंकी. यूपी की राजधानी का पड़ोसी जिला बाराबंकी कभी अफीम का गढ़ माना जाता था. मगर अब औषधीय खेती के कारण जाना जाने लगा है. यहां पर परंपरागत खेती छोड़कर किसान औषधीय खेती भी कर रहे है. प्रदेश में सबसे ज्यादा पॉली हाउस वाले इस जिले में कई किसान आधुनिक तरीके से खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.बाराबंकी जिले के युवा किसान राकेश वर्मा ने औषधीय खेती के माध्यम से अपनी तकदीर बदली. महज एक एकड़ से आर्टीमीसिया की खेती की शुरुआत करने वाले राकेश वर्मा आज 4 एकड़ में आर्टीमीसिया आदि की खेती कर सालाना 2 से 3 लाख की आय करते है. राकेश वर्मा की औषधीय खेती देखने आसपास के किसान तो आते ही हैं और कई जनपद के किसान इनकी औषधीय खेती देखने आते हैं.पारंपरिक खेती में हो रहा था नुकसानआर्टीमीसिया की खेती कर रहे ने बताया कि पहले पारंपरिक खेती में अधिक मुनाफा न होने हम बहुत परेशान थे. इसके बाद सीमैप से जुड़ा. वहां से पता चला तभी से मैंने आर्टीमीसिया की खेती की शुरुआत की .एक एकड़ में 5 से 6 हजार रूपये लागत आती है. मुनाफा 50 से 60 रुपए आता है. इसकी कंपनी है वह एग्रीमेंट कराती है. 40 रुपए प्रति किलो कंपनी आपके घर से माल उठा लेती है. चेक द्वारा उसका पेमेंट कर देती है.नहीं करनी पड़ती खेतों की रखवालीराकेश वर्मा ने कहा कि आर्टीमीसिया की पत्तियों से दवाई बनाई जाती है और इसको छुट्टा जानवर भी नहीं खाते. इसकी रखवाली भी करनी नहीं पड़ती और मैं अपने किसान भाइयों से कहना चाहता हूं कि थोड़ी सी औषधीय खेती करिए .इसमें अच्छा मुनाफा है और लागत बहुत ही कम है. वहीं आज गांव के कुछ किसान राकेश वर्मा की खेती देख इनकी तरह आज आर्टीमीसिया की खेती कर अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं..FIRST PUBLISHED : May 20, 2023, 22:26 IST
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62.50% of groundwater samples from Punjab have uranium levels above safety threshold limit: Report
The report further stated, “Spatially, northwestern India (Punjab, Haryana, Delhi, parts of Rajasthan and Uttar Pradesh) emerged as…

