Uttar Pradesh

अद्भुत है यह घास! इससे बनता है खास बर्तन, जिसमें रखी जाती है 2 से 5 कुंतल तक रोटी और पूड़ी

Last Updated:August 04, 2025, 19:31 ISTहमारे आसपास ऐसी कई पारंपरिक चीज़ें मौजूद हैं जिन्हें देखकर लोग हैरान रह जाते हैं. कुछ ऐसी ही एक अनोखी चीज़ है बांस की टहनी से बनाई जाने वाली खैंची. यह एक खास तरह का पारंपरिक बर्तन है, जिसका इस्तेमाल भारतीय ग्रामीण समाज में खासतौर पर रोटी और पूड़ी रखने के लिए किया जाता है. आइए जानते हैं, यह खैंची किस तरह बनाई जाती है और इसका उपयोग किन-किन कामों में होता है. भारतीय ग्रामीण क्षेत्र में पारंपरिक रूप से ऐसे बहुत से बर्तन रहे हैं जो आज विलुप्त होने की कगार पर हैं. उसी में है एक बांस का बर्तन जिसे ‘खैंची’ कहा जाता है.आपको बता दें की बांस से बनी ये खैंची इतने बड़े आकार में बनाई जाती है कि इसमें दो कुंटल से लेकर 5 कुंटल तक रोटी और पूड़ी रखी जा सकती है. खैंची का महत्व भारत के उत्तरी ग्रामीण क्षेत्र में आज भी उतना ही है जितना 100 साल पहले हुआ करता था. तो आइए जानते हैं, कैसे बनती है यह खैंची और इसका प्रयोग पूरी रखने के अलावा और अन्य कामों में कहां-कहां किया जाता है. खैंची बनाने वाले स्थानीय राधेश्याम ने बताया कि खैंची बनाने की सबसे पहली प्रक्रिया यह है कि इसको हम बांस की कोठ से बांस से निकलने वाली कैनी (बांस की डंडियां) को लेकर आते हैं और यह कैनी सूखने न पाए, उससे पहले ही मूंज के तोड़ या फिर बांस की कैनी को फाड़ कर रस्सी के रूप में इसका प्रयोग करते हैं. उसके बाद सबसे पहले खैंची के तल को बनाया जाता है, फिर उसके बाद उसके किनारों को ठीक कर एक-दूसरे में कसा जाता है, जिसका छेद बर्फी के आकार का हो जाता है. राधेश्याम ने बताया कि खैंची बनाने के लिए बांस की कैनी, मूंज का और प्लास्टिक का तोड़, फज्जी काटने के लिए कटर मशीन आदि का प्रयोग किया जाता है. इसके साथ ही, कोशिश यह की जाती है कि बांस की कैनी हरी रहे, उसी दरमियान खैंची को तैयार कर लिया जाए.  आपको बता दें कि यह खैंची अलग-अलग साइज की बनाई जा सकती है. कुछ खैंची छोटे आकार में होती हैं, जिसमें 50 किलो तक रोटी और पूड़ी रखी जा सकती है. वहीं, कुछ खैंची इतनी अधिक बड़ी होती हैं कि उनमें 5 कुंतल तक भी पूड़ी और रोटी रखी जा सकती है.  वैसे तो खैंची का इस्तेमाल कई कामों में किया जाता है, लेकिन भारत के ग्रामीण इलाके में, खासकर उत्तर भारत में, खैंची पूड़ी रखने के काम में लाई जाती है. इन खैंचियों में दो कुंतल से लेकर 5 कुंतल तक पूड़ी रखी जा सकती है. इसके अलावा भूसा रखने और अनाज ढोने के काम में भी खैंची का इस्तेमाल होता है.  राधेश्याम ने बताया कि वे 1 दिन में लगभग चार से पांच खैंची तैयार कर लेते हैं, जिसमें एक खैंची की कीमत 400 से 500 रुपए और साइज के अनुसार होती है. हालांकि वर्तमान समय में इसकी अधिक डिमांड न होने की वजह से यह विलुप्त होती जा रही है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में इसका महत्व आज भी उतना ही है जितना पहले हुआ करता था. First Published :August 04, 2025, 19:31 ISThomeuttar-pradesh2 से 5 कुंतल पूड़ी रखने वाला बर्तन! बांस की घास से बनती है अनोखी ‘खैंची’, जाने

Source link

You Missed

One more BLO dies by suicide in West Bengal, family alleges SIR-related stress
Top StoriesNov 22, 2025

पश्चिम बंगाल में एक और बीएलओ की आत्महत्या, परिवार ने एसआईआर संबंधित तनाव का आरोप लगाया

शुक्रवार को, मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ग्यानेश कुमार को एक…

Omar Abdullah government faces public outrage over proposed 20% peak-hour power surcharge in Valley
Top StoriesNov 22, 2025

ओमार अब्दुल्लाह सरकार को घाटी में प्रस्तावित 20% शिखर घंटे बिजली शुल्क के कारण सार्वजनिक आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है।

राजनीतिक नेताओं ने भी एकमत से आलोचना की है। जम्मू-कश्मीर अप्नी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने इस…

China threat looms over potential F-35 fighter jet sales to Saudi Arabia
WorldnewsNov 22, 2025

चीन की चुनौती सऊदी अरब को एफ-35 लड़ाकू विमान की बिक्री के संभावित विकल्प पर मंडराती है

चीन की अमेरिकी सैन्य प्रौद्योगिकी चोरी करने की आक्रामक अभियान को अमेरिका को सऊदी अरब को एफ-35 लड़ाकू…

authorimg
Uttar PradeshNov 22, 2025

दिल्ली धमाके की गूंज पहुंची यूपी तक, मदरसों से मांगी गई छात्रों-शिक्षकों की पूरी प्रोफाइल…होगी डीप स्कैनिंग

दिल्ली बम विस्फोट के बाद यूपी में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। यूपी एटीएस ने सभी जिलों…

Scroll to Top