02 करीब हजार साल से भी ज्यादा पुराना यह मंदिर अपने आप में ही अद्भुत शक्तियों से जुड़ा हुआ है, कई बार श्रद्धालुओं ने माता का मंदिर बनवाया लेकिन रात्रि में मंदिर की दीवारें ध्वस्त हो जाती और मां की मूर्ति पुनः वृक्ष के नीचे ही स्थापित मिलती तब से माता नगरकोट में खुले में ही विराजमान हैं. सैकड़ों साल से भी ज्यादा पुराना यह मंदिर अपने आप में ही अद्भुत शक्तियों से जुड़ा हुआ है, कई बार श्रद्धालुओं ने माता का मंदिर बनवाया लेकिन रात्रि में मंदिर की दीवारें ध्वस्त हो जाती हैं और मां की मूर्ति पुनः वृक्ष के नीचे ही स्थापित मिलती है. तब से माता नगरकोट में खुले में ही विराजमान हैं.
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Jharkhand migrants in Tunisia receive dues, set to return home on November 5 after L&T intervention
The migrants further expressed their gratefulness to Larsen & Toubro and apologised for unintentionally dragging the company’s name…

