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Actor Rishi Kapoor dies due to leukemia cancer know symptoms and treatment brmp | इस बीमारी ने Bollywood से छीन लिया था ‘चॉकलेटी हीरो’ जानिए कितनी खतरनाक? ये हैं लक्षण



भूपेंद्र राय/ Actor Rishi Kapoor dies due to leukemia cancer: ‘हम तुम एक कमरे में बंद हों और चाबी खो जाए’ ये वो गाना है, जो आते ही लोगों को जुबां पर छा गया. ये गाना था फिल्म बॉबी का…ये वही फिल्म थी, जिसने हिन्दी सिनेमा को एक नया सुपरस्टार दिया था. जी हां हम बात कर रहे हैं, ऋषि कपूर की, जिन्हें बाद में ‘रोमांटिक स्टार’ और ‘चॉकलेटी हीरो’ के नाम से भी जाना गया.  ऋषि कपूर ने अपनी पहली फिल्म में ही इतनी शानदार एक्टिंग दिखाई कि फिल्म बॉबी सुपर हिट रही और वह रातोंरात स्टार बन गए. टीनएज लवस्टोरी पर बनी फिल्म बॉबी को दर्शकों ने बहुत पसंद किया. 
प्यार, तकरार, रूठना-मनाना, जुदाई, आंसू और मोहब्बत के हर एहसास को पूरी पूरी शिद्दत से निभाने वाले ऋषि कपूर अब इस दुनिया में नहीं हैं. एक घातक बीमारी के चलते 30 अप्रैल 2020 को ऋषि कपूर ज़िंदगी की जंग हार गए. इस खबर हम हम आपको उसी बीमारी के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिसकी वजह से रोमांटिक किरदारों के सरताज ऋषि कपूर अब हमारे बीच नहीं हैं.
कैंसर से थे पीड़ितमीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ऋषि कपूर को कैंसर है, इस बात का पता साल 2018 में चला था. इसके बाद सितंबर 2018 में इलाज के लिए वो अमेरिका गए थे. फिर 3 अक्टूबर 2018 को ऋषि कपूर को कैंसर होने की खबर आई थी जिसे मीडिया से बात करते हुए उनके भाई रणधीर कपूर ने कंफर्म किया था. अमेरिका के न्यूयॉर्क में ऋषि कपूर ने 11 महीने और 11 दिन गुजारे थे. ऋषि कपूर को ल्यूकेमिया की बीमारी थी, जो कि श्वेत रक्त कोशिकाओं का एक प्रकार का कैंसर होता है. 
क्या है ल्यूकेमिया कैंसर (What is leukemia cancer)मायो क्लीनिक के अनुसार, शरीर में खून का होना उतना ही जरूरी है, जितना कि जीने के लिए सांस लेना होता है. अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए तो कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इन्ही में से एक है ल्यूकेमिया बीमारी. यह श्वेत रक्त कोशिकाओं का एक प्रकार का कैंसर होता. इसके चलते शरीर में गैर सेहतमंद कोशिकाएं बढ़ती हैं, जिससे इम्यून पावर कम होता जाता है. लिहाजा इंफेक्शन और बुखार जल्द हो जाता है. कीमोथैरेपी के बाद भी इस बीमारी के वापस आने की संभावना होती है. यही वजह है कि इस बीमारी के वापस आने की संभावना को कम करने के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराया जाता है. 
ल्यूकेमिया के सामान्य लक्षण  (Common symptoms of leukemia)
बुखार या ठंड लगना
लगातार थकान और कमजोरी महसूसन होना
बार-बार या गंभीर संक्रमण होना
बिना कोशिश किए वजन कम होना
रक्तस्राव या चोट लगना
त्वचा में छोटे लाल धब्बे होना
अत्यधिक पसीना आना, खासकर रात में
हड्डी में दर्द या कोमलता
अगर आपके ऊपर बताए जा रहे लक्षण बार-बार महसूस हों तो आपको डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए. 
किस वजह से होता है ल्यूकेमिया  (cause of leukemia)आखिर ये बीमारी किस वजह से होती है? इस सवाल के सटीक जवाब की खोज अब भी जारी है, क्योंकि वैज्ञानिक ल्यूकेमिया के सटीक कारणों को नहीं समझ पाए हैं. हालांकि कहा जाता है कि यह आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन से विकसित होता है. यदि कोई व्यक्ति गैसोलीन में पाए जाने वाले बेंजीन जैसे कुछ रसायनों के संपर्क में आता है तो वह ल्यूकेमिया से पीड़ित हो सकता है. इसी तरह, धूम्रपान करने वालों में ल्यूकेमिया होने की संभावना अधिक होती है.
ल्यूकेमिया के प्रकार (types of leukemia)
अस्थि मज्जा से संबंधित तीव्र ल्यूकेमिया
अस्थि मज्जा से संबंधित पुराना ल्यूकेमिया
तीव्र लिम्फोब्लासटिक ल्यूकेमिया
पुराना लिम्फोसाईटिक ल्यूकेमिया
जानलेवा हो सकती है न्यूकेमियामायो क्लीनिक के अनुसार, जब सफेद रक्त कोशिकाओं के डीएनए को क्षति पहुंचती है, तो ल्यूकेमिया बीमारी विकसित होती है. इस कैंसर की कोशिकाएं अस्थि मज्जा में बढ़ती हैं और अस्थि मज्जा में रहकर ही स्वस्थ रक्त कोशिकाओं को सामान्य रूप से बढ़ने और कार्य करने से रोकती हैं. अगर समय पर इसका इलाज न किया गया तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है. 
खून के कैंसर (ल्यूकेमिया) का इलाज (treatment of Cancer of the blood leukemia)खून के कैंसर (ल्यूकेमिया) का इलाज उसके प्रकार और जोखिम समूह पर निर्भर करता है. इसका सबसे आम इलाज कीमोथेरेपी है. इस उपचार में कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए केमिकल्स का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा रोगी को इम्यूनोथेरेपी दी जाती है. साथ ही हेमेटोपोएटिक कोशिकाओं का ट्रांस्पलांट (इसे बोन मैरो ट्रांस्पलांट या स्टेम सेल ट्रांस्पलांट के रूप में भी जाना जाता है) होता है. 
ल्यूकेमिया को से बचने के उपाय (ways to avoid leukemia)
अगर आप धूम्रपान करने वाले हैं तो धूम्रपान छोड़ दें, क्योंकि ल्यूकेमिया होने की संभावना को कम करने का यह सबसे अच्छा तरीका है. 
यदि कोई व्यक्ति मोटा या अधिक वजन का है, तो संभावना है कि वह ल्यूकेमिया से पीड़ित हो सकता है. इसलिए जितना जल्दी हो सके वजन कम करें, इससे ल्यूकेमिया को रोका जा सकता है.
इसके अलावा आप  प्रोसेस्ड अनाज को साबुत अनाज से बदलें और प्रोटीन से भरपूर भोजन करें.
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नही है. यह सिर्फ आपको शिक्षित करने के लिए दी गई है.​



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