रिपोर्ट: आदित्य कुमारनोएडा. बीते सप्ताह देश की राजधानी दिल्ली के द्वारका में स्कूल जा रही एक नाबालिग छात्रा के ऊपर तेजाब फेंक दिया गया था. उसका इलाज सफदरजंग अस्पताल में चल रहा है. दिल्ली ही नहीं, राजधानी से सटे नोएडा के मामूरा गांव में भी एक महिला के ऊपर तेजाब से हमला किया गया था. साल 2013 में देश की सर्वोच्च न्यायालय ने एसिड बिक्री के लिए सख्त कानून बनाए. उसके बावजूद एसिड अटैक नहीं रुक रहे. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, देश में हर साल 100 से 150 एसिड अटैक के मामले दर्ज किए जाते हैं. ‘न्यूज 18 लोकल’ ने नोएडा में किसी भी प्रकार के एसिड की बिक्री को लेकर रियलिटी चेक किया. क्या रहा परिणाम चलिए जानते हैं.खुले में बिक रहा तेजाब, कोई रोकटोक नहींहमने नोएडा के कुछ युवाओं और एसिड अटैक सर्वाइवर्स की एक टोली बनाई और उन्हें शहर के विभिन्न हिस्सों में एसिड खरीदने को बोला. सब जगह तेजाब लेने में कोई दिक्कत नहीं हुई. अतुल यादव बताते हैं कि होशियारपुर, निठारी और सराफाबाद गांव में हम कई दुकानों पर गए और दुकान वालों से तेजाब के बारे में पूछा. कुछ ने तो दबे स्वर तेजाब बेचने की बात कही, तो कुछ ने बिना कुछ पूछे ही हाथ में धर दिया. हमसे कोई कारण नहीं पूछा. किसी ने हमसे कोई कागज नहीं मांगा, जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार एसिड की बिक्री को लेकर अलग नियम हैं. तेजाब जिस रजिस्टर्ड दुकान पर बिक रहा है, वहां पर तेजाब खरीदने वाले का पूरा एड्रेस के साथ डिटेल लिखनी होती है. बाजार में अक्सर टॉयलेट क्लीनर के नाम पर बिकने वाला एसिड भी शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है.चेहरा जला देखकर भी दे दिया तेजाबअंशु राजपूत पर एसिड अटैक 2015 में हुआ था. अब तो वह ठीक है लेकिन चेहरा पूरी तरह जल चुका है. वह बताती हैं कि हम भी कई दुकानों पर गए. सब ने मेरे चेहरे को देखा फिर भी तेजाब दे दिया. तेजाब बेचते हमने सभी के वीडियो हमने बनाए हैं. किसी ने 10 रुपये में दे दिया, तो किसी ने 20 रुपये लिए लेकिन किसी ने मना नहीं किया. हम चाहते हैं कि इस तरह का अभियान पूरे देश में दोबारा चलाया जाए ताकि किसी व्यक्ति की जिंदगी तेजाब हमले में बर्बाद न होने पाए. एसिड बिकेगा नहीं तो किसी पर फिंकेगा नहीं.क्या कहते हैं डॉक्टर?नोएडा के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर सागरदीप सिंह बावा (एमबीबीएस, एमडी) ने ‘न्यूज 18 लोकल’ से बातचीत में बताया कि एसिड किसी भी प्रकार का हो, किसी न किसी तरह से वह शरीर पर नुकसान करता ही है. एसिड की मात्रा चाहे कम हो या ज्यादा, वह तो नुकसान करेगा ही. चेहरे पर पड़े तो चेहरे को खराब करेगा ही. अगर आंख में पड़ जाए तो आंख को नुकसान करता है. तेजाब कमजोर या हार्ड की कोई बात नहीं होती है. बाजार में टॉयलेट क्लीनर के तौर पर बिकने वाला तेजाब भी शरीर के लिए नुकसानदेह होता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : December 24, 2022, 13:35 IST
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