Uttar Pradesh

अब पराली से बन रहा है आर्टिफिशियल लेदर, इसके उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक मांग



अखंड प्रताप सिंह/कानपुर: देशभर में पराली जलने से सबसे अधिक मात्रा में प्रदूषण फैलता है और किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या पराली ही रहती है. लेकिन अब इस समस्या का समाधान देश के वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला है. वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद से जुड़े चेन्नई के केंद्रीय चर्म अनुसंधान संस्थान ने एक खास तकनीक विकसित की है. इस तकनीक में पराली से चमड़ा तैयार किया जा रहा है. कानपुर की एक कंपनी ने इस तकनीक से आर्टिफिशियल लेदर बनाने का उत्पादन शुरू किया है. इस कंपनी ने अपना प्लाट बंथरा में लगाया है. जहां पर प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया गया है.इस तकनीक के जरिए 1 टन परली में 1200 से 1300 वर्ग मीटर आर्टिफिशियल लेदर तैयार किया जा रहा है. वहीं प्रोडक्शन की बात की जाए तो अभी फैक्ट्री में हर महीने 4 लाख वर्ग मीटर चमड़ा उत्पादन किया जा रहा है. आगे से अभी और बढ़ाया जाएगा. देश और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस को लोग काफी पसंद कर रहे हैं और बड़ी संख्या में ऑर्डर भी मिल रहे हैं. इससे लेदर के सारे प्रोडक्ट भी तैयार किया जा रहे हैं. जिस प्रकार से लेदर से विभिन्न प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं. उसी तरीके से इस आर्टिफिशियल लेदर का इस्तेमाल भी किया जा रहा है.जैबुनको इंडस्ट्री के एमडी करीमुल्ला मलिक ने बताया कि सीएलआरआई चेन्नई द्वारा इस तकनीक को तैयार किया गया है. जिसमें परली से आर्टिफिशियल चमड़ा तैयार किया जा रहा है. इस टेक्नोलॉजी को बनाने में संस्थान को लगभग 1 साल का समय लगा है और देश में पहली बार तकनीक से हमारे यहां उत्पादन शुरू किया गया है. जिससे न सिर्फ वायु प्रदूषण भी रुकेगा और किसने की सबसे बड़ी समस्या पराली जिसे वह नष्ट करते हैं वह उसे अब आय का स्रोत भी बना सकेंगे. यह आर्टिफिशियल लेदर दाम में लेदर से 50 प्रतिशत से भी काम है और ड्युरेबिलिटी की बात की जाए तो इसकी ड्युरेबिलिटी 80% तक लेदर जैसी है. इससे लेदर के सारे प्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बड़ी संख्या में लोग इसको पसंद कर रहे हैं..FIRST PUBLISHED : November 26, 2023, 15:35 IST



Source link

You Missed

Pregnant tribal woman dies after being carried 5 km in cloth sling to hospital due to lack of roads
Top StoriesSep 16, 2025

गर्भवती आदिवासी महिला की मौत, अस्पताल पहुंचने के लिए 5 किमी दूरी पर कपड़े के झोले में ले जाने के कारण

चोटा उदेपुर की ग्रामीण आबादी के लिए सड़कें एक जीवन रक्षक साबित हो सकती हैं, लेकिन यहां के…

comscore_image
Uttar PradeshSep 16, 2025

विदेशी सब्जी नोट छापने की मशीन है, जिससे कम लागत में लाखों का मुनाफा होगा, जानें इस खास ट्रिक के बारे में।

ब्रोकली की खेती: एक विदेशी सब्जी जो लाखों का मुनाफा दे सकती है ब्रोकली एक विदेशी प्रजाति की…

Scroll to Top