कानपुर. यूपी के कानपुर का छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय अब पेपरलेस यूनिवर्सिटी के रूप में जाना जाएगा. यहां पर ई-ऑफिस का कांसेप्ट भी शुरू किया गया है. इसके तहत कागजी कार्रवाई को हटाकर डिजिटल किया जा रहा है. सारे डॉक्यूमेंट डिजिटली तैयार कर सेव किए जा रहे हैं. इससे न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि रिकॉर्ड को आसानी से संभाल कर भी रखा जा सकेगा. साफ है कि विश्वविद्यालय के दफ्तरों में अब आपको मोटी-मोटी फाइल और पेपरों के अंबार नहीं दिखेंगे.कानपुर विश्वविद्यालय लगातार डिजिटल होता जा रहा है. जहां एक ओर सभी डिपार्टमेंट की अलग-अलग वेबसाइट बनकर तैयार हो गई है जिसमें विश्वविद्यालय की सारी जानकारी उपलब्ध रहती है. कॉल सेंटर भी ऑनलाइन चल रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर अब सारे डिपार्टमेंट और विश्वविद्यालय के कर्मचारी भी डिजिटल होंगे. वह पेपर और पेन को छोड़कर डेस्कटॉप, लैपटॉप पर हाथ अजमाएगे. जबकि सारा डाटा ऑनलाइन ही सेव रहेगा. अब उन्हें मोटी मोटी फाइलें बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.कानपुर विश्वविद्यालय में यह कांसेप्ट लागू कर दिया गया है. विभाग के संबंधित अधिकारियों को लॉगिन और पासवर्ड जारी कर दिए गए हैं.पेपरलेस यूनिवर्सिटी बनने से होंगे कई फायदेविश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. विशाल शर्मा ने बताया कि एनआईसी लखनऊ की टीम ने कानपुर विश्वविद्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया है. कैंपस में ई-ऑफिस का ट्रायल शुरू कर दिया गया है. इससे अब जल्द ही कानपुर विश्वविद्यालय पेपरलेस यूनिवर्सिटी के रूप में जाना जाएगा. पेपरलेस होने से काफी फायदे होंगे.जहां अभी तक पुरानी जानकारियां जुटाने के लिए मोटी मोटी फाइलों को खंगालना पड़ता है. इससे राहत मिलेगी. छात्र-छात्राओं को भी इससे फायदे होंगे और उन्हें बार-बार यूनिवर्सिटी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. दरअसल सारा डाटा उनको ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए प्राप्त हो सकेगा.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : December 07, 2022, 08:48 IST
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